फाल्गुन पूर्णिमा, कलियुग वर्ष ५११६
अमरावती (महाराष्ट्र) : कांग्रेस शासन ने गत ४ वर्षोंसे प्रलंबित २०११ के जनगणना ब्यौरे के अनुसार हाल ही में कुछ समाचार प्रकाशित किए हैं। तदनुसार अनेक गंभीर समस्याएं सामने आई हैं। उस की अंकवारी के अनुसार वर्ष २००१ से २०११ इस कालावधि में भारत के मुसलमानोंकी लोकसंख्या में २४ प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष १९९१ से २००१ की इस कालावधि में देश की जनगणना वृद्धि की मात्रा कुल मिलाकर मुसलमानोंकी लोकसंख्या की तुलना में २९ प्रतिशत वृद्धि हुई है।
परिवार नियोजन न करने की नीति के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है। यदि यह मात्रा ऐसी ही रही, तो एक दिन यह देश मुसलमानबहुल होगा। केवल अल्पसंख्यकोंके नाम पर मुसलमानोंद्वारा सर्व सुविधा प्राप्त करने के कारण हिन्दुओं में असंतोष फैल चुका है।
शासन को ४ वर्ष विलंब से हुआ यह ब्यौरा त्वरित जनता के सामने प्रस्तुत करना चाहिए। अल्पसंख्यक की परिभाषा निश्चित करनी चाहिए तथा समान नागरी अधिनियम लागू करना चाहिए, इस मांग के लिए तहसीलदार श्रीमती आशा कांबळे को २५ फरवरी के दिन निवेदन प्रस्तुत किया गया।
उस समय हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. विकास चौधरी, श्री. अभय कडुकर, श्री. श्रीकांत मुंदेकर, श्रीमती विभा चौधरी, श्रीमती पल्लवी हंबर्डे उपस्थित थीं। उपर्युक्त मांगोंके लिए अमरावती के गडगेश्वर मंदिर, तपोवनेश्वर मंदिर तथा विश्वेश्वर दिन पर हस्ताक्षर अभियान आयोजित किया गया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात