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तिरुपतिके निकट इस्लामिक विश्वविद्यालयके निर्माणकार्यको उच्च न्यायालय द्वारा स्थगिति

मार्गशीर्ष शुक्ल ६, कलियुग वर्ष ५११५

भाग्यनगर – तिरुपतिके निकट निर्माणाधीन विवादग्रस्त इस्लामिक विश्वविद्यालयको आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालयने स्थगिति दी थी । यह आदेश न्यायमूर्ति नूटी राममोहन रावने विश्वाविद्यालय व्यवस्थापनद्वारा की गई दो याचिकाओंकी सुनवाई करते हुए दिया । कुछ दिन पूर्व तिरुपतिके जिलाधिकारीने विश्वविद्यालयके पांच तल्ले गिरानेका आदेश दिया था ।

१. इस्लामिक विश्वविद्यालय व्यवस्थापनद्वारा, अपनी याचिकामें तोंडवडा ग्रामपंचायतने विश्वविद्यालयका निर्माणकार्य गिरानेकी धमकी दी, उसके विरुद्ध एक याचिका प्रविष्ट की गई थी ।

२. दूसरी याचिका द्वारा तिरुपति जिलाधिकारीने पुलिसकी सहायता लेकर स्थानीय ग्रामपंचायतद्वारा विश्वविद्यालय भवनके पांच तल्ले गिरानेके आदेशके विरुद्ध उच्च न्यायालयमें न्याय मांगा था । इस घटनामें तिरुपति नगर विकास आयोगको भी (टुडा) प्रतिवादी किया गया था ।

३. यह भवन तालाबके निकट होनेसे उसके गिरनेकी धोखा/संभावना है । तथा इस भवनके सात तल्ले बांधते समय टुडासे अनुमति नहीं ली थी, प्रतिवादियों द्वारा ऐसा प्रतिपादन किया गया । इसके विपरीत विश्वविद्यालय व्यवस्थापनने इस निर्माणकार्यको दंड लगाकर नियमित किया जाए, ऐसी नीति अपनायी थी ।

४. उच्च न्यायालय दोनों पक्षोंका कथन सुनकर भवनकी सुरक्षाके संदर्भमें विविध तज्ञोंकी सलाह ले तथा आवश्यक दस्तावेजोंकी जांच करे, ऐसे आदेश देकर विश्वविद्यालयके निर्माणकार्यको स्थगिति दी है ।

५. विशेष बात यह है कि यह भवन नियमित करने हेतु विश्वविद्यालय व्यवस्थापनने कोई भी आवेदन नहीं दिया है केवल प्रशासन द्वारा वैसा सूचित किया गया, ऐसा टूडाके अधिकारियोंने बताया; किंतु प्रशासनकी यह विनती टूडाने ठुकरायी, ऐसा प्रतिपादन न्यायालयमें किया । (हिंदुओ, धर्मांध मुसलमानोंको अवैध विश्वविद्यालय नियमित करने हेतु आदेश देनेवाले कानूनद्रोही कांग्रेसी शासनकर्ताओंसे जवाब मांगे ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

स्त्रोत :  दैनिक सनातन प्रभात

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