जनता का न्यायव्यवस्था पर से विश्वास कम हो रहा है, इसिलिए जनता क्रांति की आेर कदम उठा रही है !
नई दिल्ली/कोहिमा – गुस्साई भीड़ द्वारा दुष्कर्म के आरोपी को दीमापुर सेंट्रल जेल को जबरन बाहर निकाल पीट-पीट कर मार डाला। इसके बाद चौराहे पर ले जाकर फांसी दिए जाने के मामले के बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इस बीच केंद्र ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और नगालैंड में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किया गया है। गृह मंत्रालय ने इस घटना को स्थानीय पुलिस की विफलता करार दिया है। गृह मंत्रालय को मिली रिपोर्ट के अनुसार, दीमापुर सेंट्रल जेल से चार और कैदी भी भाग गए थे, लेकिन उनमें से तीन को पुलिस ने फिर से गिरफ्तार कर लिया है।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘यह एक गंभीर मसला है पिछले कई दिनों से इस रेप के मामले को लेकर लोगों में काफी गुस्सा था, लेकिन लोकल प्रशासन उसे गुस्से को आंक नहीं पाया और जब स्थिति हाथ से बाहर चली गई तब लाचार हो गया।’ गृह मंत्रालय ने नागालैंड प्रशासन और जेल पुलिस से इस घटना को लेकर एक रिपोर्ट भी मांगी है।
दरअसल आरोपी लड़का असम के करीमगंज का रहने वाला था और लड़की एक ट्राइबल थी। इसीलिए माना जा रहा है कि मामला बदले का हो सकता है। वैसे गृह मंत्रालय ने असम को अलर्ट कर दिया है। बताया जा रहा है कि सर्इद फरीद खान नाम के शख्स को बलात्कार के आरोप में २३ फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। नागालैंड पुलिस के मुताबिक वह असम का रहने वाला है, लेकिन जांच चल रही है कि क्या वह बांग्लादेशी तो नहीं।
गृह मंत्रालय के मुताबिक जब गुस्से में आई भीड़ ने दिमापुर सेंट्रल जेल पर हमला किया तब दीमापुर की स्थानीय पुलिस और जेल गार्ड्स ड्यूटी पर थे। हालांकि, सीआरपीएफ के जवान भी तैनात थे लेकिन वे भी कुछ नहीं कर पाए।
गौरतलब है कि दीमापुर में गुरुवार सुबह दुष्कर्म के खिलाफ रैली निकाली गई थी। इसके बाद आक्रोशित छात्र और लोग जिला जेल पर धावा बोल दिए और आरोपी को बाहर ले आए। हिंसा पर उतारू लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवा में गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले भी छोड़े, लेकिन भीड़ काबू से बाहर रही। भीड़ ने रेप के कथित आरोपी को पीट-पीटकर मार डाला और फिर चौराहे पर फांसी से लटका दिया।
स्त्रोत : नर्इ दुनिया