चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा, कलियुग वर्ष ५११६
पाक द्वारा भारतीय सैन्यपर प्रतिदिन हो रहे हमले के बाद भी क्या भारत पाक के साथ नया अध्याय शुरु करेंगा ?
इस्लामाबाद : सार्क देशोंकी यात्रा के तहत मंगलवार को पाकिस्तान पहुंचे भारतीय विदेश सचिव एस. जयशंकर ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की। इस दौरान शरीफ ने कहा कि यह जरूरी है कि दोनों देशोंका नेतृत्व लोगोंको इच्छाओंको पूरा करे और बातचीत के जरिए सभी मुद्दोंपर को हल करने के लिए काम कर “नए अध्याय” की शुरूआत करे।
उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सहयोगात्मक संबंध हों, जो दक्षिण एश्यिा में शांति के उनके नजरिए के अनुकूल है। गौरतलब है कि जयशंकर सार्क यात्रा के तहत सुबह ढाका से पाकिस्तान पहुंचे थे। उन्होंने पाकिस्तान के अपने समकक्ष एजाज चौधरी से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने शरीफ के सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज के साथ भी बैठक की। पीएम शरीफ से मुलाकात में उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पत्र उन्हें सौंपा।
द्विपक्षीय संबंध आगे बढ़ेंगे :
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार शरीफ ने विश्वास जताया है कि विदेश सचिवोंकी आज की बातचीत दोनों देशोंके द्विपक्षीय संबंधोंको आगे बढ़ाएगी। बयान के अनुसार, शरीफ ने कहा, “हमें दोनों देशोंको एक दूसरे के करीब लाने के लिए एक साथ चलने, काम करने और आगे बढ़ने की भावना से शुरूआत करना होगी।” शरीफ ने इस दौरान पीएम मोदी के साथ पिछले साल नई दिल्ली में २७ मई को हुई मुलाकात को भी याद किया और कहा कि द्विपक्षीय वार्ता शुरू क रने की हम दोनोंकी सामूहिक इच्छा थी।
सीमा पार आतंक पर जताई चिंता :
इससे पहले विदेश सचिव जयशंकर ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष एजाज अहमद चौधरी से मुलाकात की और सीमा पार आतंकवाद पर चिंता जताई। अजीज के साथ वार्ता के बाद जयशंकर ने कहा, “हमने आज एक दूसरे की चिंताओं और हितोंको लेकर खुले दिल से बातचीत की और एकदूसरे के साथ सामान्य मुद्दोंपर एक साथ काम क रने पर सहमति जताई। हम सीमा पर पूरी तरह शांति सुनिश्चित करने को लेकर भी सहमत हैं।”
गौरतलब है कि जयशंकर ने अपनी दक्षेस यात्रा रविवार को भूटान से शुरू की, जिसके बाद सोमवार को वह बांग्लादेश गए थे। बुधवार को वे अफगानिस्तान जाएंगे।
पाक मीडिया ने गिनाए मुद्दे :
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से वार्ता के प्रमुख मुद्दे जम्मू एवं कश्मीर विवाद, सियाचिन, पानी का मुद्दा, विश्वास बहाली के उपाय, लोगोंका लोगोंसे संपर्क और व्यापार से जुड़े मुद्दे होंगे। पाकिस्तान टुडे समाचार-पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि जयशंकर की यह यात्रा दक्षेस के सदस्य राष्ट्रोंकी यात्रा का हिस्सा है, लेकिन दोनों देशोंके बीच सभी मुद्दोंपर विचार-विमर्श होने के आसार हैं।
स्त्रोत : पत्रिका