चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा, कलियुग वर्ष ५११६
जौनपुर: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत पड़ोसी देशों से अच्छे रिश्ते रखना चाहता है लेकिन देश की सीमाओं पर कोई अतिक्रमण करेगा तो उसका मुंहतोड़ जबाब दिया जाएगा। गृहमंत्री ने यहां तिलकधारी महाविद्यालय के स्थापना शताब्दी समारोह में पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि भारत हिंसा में विश्वास नहीं रखता है। वह पड़ोसी मुल्कों से अच्छे संबंध रखना चाहता है लेकिन यदि पाकिस्तान देश की सीमा पर युद्धविराम का उल्लंघन करता है तो उसका मुंहतोड़ जबाब देंगे।
उन्होंने कहा कि देश को माओवादियों और उग्रवादियों से निजात दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। जीवन में कर्म और त्याग के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि मनुष्य अपने जीवन में की गई कृतियोें के आधार पर याद किया जाता है ना कि शब्दों के अलंकरण से। जो त्याग करता है उसे ही सम्मान मिलता है जो केवल स्वयं के लिए संचय करता है उसका नाम कोई नहीं लेता।
उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है इसलिए हमें अपनी संस्कृति को बरकरार रखना होगा। भारत ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में बहुत आगे है। गृहमंत्री ने कहा कि देश की शिक्षा व्यवस्था कहीं न कहीं अपने जड़ों से कटी हुई है, किसी भी भाषा का ज्ञान होना बुरी बात नहीं लेकिन अपनी भाषा के प्रति हीनता का भाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब चीन अपनी मातृ भाषा से दुनिया की ताकत बन सकता है तो भारत क्यों नहीं।
समारोह की मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल ने इस अवसर पर कहा कि केवल भौतिक विकास से ही सब कुछ नहीं होता। हमें समाज में व्याप्त कुरीतियों को खत्म करना होगा तभी भारत दुनिया की दौड में आगे होगा। उन्होंने शिक्षा को तीसरी आंख बताते हुए कहा कि यह ऐसी शक्ति है जो मामूली से मामूली व्यक्ति को भी ज्ञान दे सकती है। शिक्षा से वंचित इंसान अपने को पूर्ण नहीं बना सकता, इसलिए हमें शिक्षा के द्वारा दूसरों के जीवन को प्रकाशमान बनाना चाहिए।
स्त्रोत: नवभारत टाईम्स