चैत्र कृष्णपक्ष द्वितीया, कलियुग वर्ष ५११६
निरंतर वैधानिक मार्ग से हिन्दू धर्म के लिए आवश्यक मांगें करनेवाले वारकरियोंसे सर्वत्र के हिन्दुओंको सबक लेना चाहिए !
मुंबई : हाल-ही में महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार ने गोवंशहत्या बंदी कानून सम्मत करा लिया। इस कानून को कार्यान्वित करने हेतु अनेक वर्षोंसे निरंतर मांग की जा रही थी। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मुंबई एवं नागपुर अधिवेशन में भव्य निषेध मोर्चे, कारागृह भरो आंदोलन, मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री द्वारा होनेवाली श्रीविट्ठल की पूजा पर प्रतिबंध ऐसे विविध प्रकार के प्रयास किए गए हैं। अंत में इस लडाई के १९ वर्षोंपरांत सफलता मिली। इस विषय में प्रथम गठबंधन सरकार का मन:पूर्वक अभिनंदन !
श्री वारकरी प्रबोधन महासमिति के संस्थापक अध्यक्ष, महाराष्ट्र राज्य वारकरी महामंडल के उपाध्यक्ष एवं अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री ह.भ.प. रामेश्वर महाराज शास्त्री ने समस्त वारकरियोंद्वारा सरकार से ऐसी मांग की है कि गोवंश हत्याबंदी कानून के पश्चात अब महाराष्ट्र शासन को विशेष गोसंवर्धन विभाग बनाकर इस क्षेत्र में एक विशारद एवं अभ्यासू व्यक्ति को गोसंवर्धन मंत्री के रूप में नियुक्त करें।
इस पत्रक में कहा गया है कि,
१. राज्य में गोपालन करनेवाले अनेक संगठन एवं गोप्रेमी व्यक्ति हैं। शासन को उन्हें सहयोग देना चाहिए।
२. गायोंको संभालनेवाले आर्थिक सहायता करनी चाहिए।
३. गोशालाओंके लिए वनविभाग के पास उपलब्ध भूमि देनी चाहिए।
४. गोसंवर्धन के लिए पूरे राज्य में शिविरोंका आयोजन करना चाहिए।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात