मार्गशीर्ष शुक्ल ८, कलियुग वर्ष ५११५
पनवेलमें विशाल निषेध मोर्चा !
पनवेल (महाराष्ट्र) – श्री स्वामी समर्थ मठके श्री. सुधाकर घरतने कहा कि यह कानून देहलीवालोंका षडयंत्र है, जिसपर महाराष्ट्र सरकार बलि चढी । यह बदनामीकी घटना है । राजनीतिज्ञोंको यह कानून बनानेका अधिकार किसने दिया ? संतरचित स्तोत्र, आरतियां तथा अष्टकोंमें भूतबाधा उतारनेका सामर्थ्य है । यदि इन बातोंको सरकार अंधश्रद्धा मानती है, तो उसे चुनावमें पाठ पढाना होगा । धर्मविषयक कुछ करनेके लिए संत एवं भक्तगण समर्थ है ।
महाराष्ट्र सरकार कुछ नास्तिक मानसिकतावाले लोगोंकी सुनकर जादूटोनाविरोधी एवं अनिष्ट प्रथा-परंपरा, इस आकर्षक नामपर हिंदुओंकी धार्मिक प्रथा-परंपराओंपर आंच लानेवाला कानून महाराष्ट्रमें लाना चाहती है । इसके निमित्त ८ दिसंबरको संध्या समय ४ बजे पनवेलमें राष्ट्रीय हिंदू आंदोलनद्वारा पनवेल बसस्थानक से शिवाजी चौकतक विशाल निषेध मोर्चा निकाला गया था । इस अवसरपर श्री. सुधाकर घरत बोल रहे थे तथा इस अवसरपर ३५० से अधिक धर्माभिमानी उपस्थित थे ।
मोर्चेका आरंभ पनवेल बसस्थानकके पास स्थित पेणके गोरक्षा प्रमुख श्री. मंगल पाटिलके हाथों धर्मध्वजका पूजन कर किया गया । शिवाजी चौक आनेपर मोर्चेका रूपांतर सभामें हुआ । इस अवसरपर मान्यवर व्यक्तियोंने अपने विचार व्यक्त किए ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात