सीतामढ़ी (बिहार) : पूर्वी चंपारण के ढाका में तीन साल से कैद कर रखी गई सिमरन आखिरकार इलाज बाद अपने नाना के घर बाजपट्टी थाना के एक गांव पहुंच गई। पूर्वी चंपारण पुलिस ने कड़ी व्यवस्था के बीच सिमरन को बाजपट्टी पहुंचाया। फिलहाल वह अपने नाना के घर रहेगी। रविवार को बातचीत में उसने कई सनसनीखेज खुलासे किए। बताया कि मां के प्रेमी मो. शमीम ने जबरन उसे सिमरन बनाया। उसका नाम बदल कर सिमरन के नाम से बंगाल बोर्ड से मैट्रिक व इंटर की परीक्षा दिलाई। धर्मांतरण का दबाव बनाया। विरोध करने पर यातना दी गई। मारपीट करते हुए कई बार उसके नस काट दिया।
उसे अब सात लाख रुपये में शमीम ने राजू मियां नामक एक व्यक्ति के माध्यम से उसे सऊदी अरब के एक व्यापारी से बेचने का सौदा तय कर लिया गया था। उसका पासपोर्ट भी बना लिया गया था। लेकिन राजू मियां पहले उससे शादी करना चाहता था, फिर उसे बेचना चाहता था। विरोध करने पर शमीम ने उसे तीन साल तक ढ़ाका स्थित मकान के तहखाने में बंद कर रखा। उसे लगातार नशे का इंजेक्शन देता रहा। खुद संबंध बनाता रहा और दूसरे के सामने भी परोस कर मोटी रकम कमाता रहा। सिमरन के मुताबिक, उसके नाम पांच करोड़ से अधिक की संपत्ति है। पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी, ढ़ाका, डुमरा व रसलपुर में करोड़ों का मकान, उसके नाम एक बोलेरो व एक स्कार्पियो भी है। उसका ३० लाख का जेवर व उसकी मां का २० लाख से अधिक का आभूषण भी शमीम के पास है।
युवती ने बंगाल पुलिस की करतूत को भी उजागर किया है। बताया कि सिलीगुड़ी में रहने के दौरान शमीम के चंगुल से फरार होकर थाने पहुंची थी। पुलिस को आपबीती सुनाई। पुलिस उसे लेकर पहचान के लिए शमीम के पास पहुंची। लेकिन कार्रवाई की जगह उसे एक बार फिर शमीम के हवाले कर दिया। बताते चलें कि सीतामढ़ी जिले के डुमरा थाना के रसलपुर निवासी सह मुख्यालय डुमरा के विश्वनाथपुर निवासी राजीव कुमार उर्फ गूंगा की बेटी को तीन साल से पूर्वी चंपारण जिले के ढाका में बंधक बनाकर रखा गया था। मां के प्रेमी मो. शमीम ने उससे जिस्मानी संबंध कायम किया। वेश्यावृत्ति भी कराया। उसे नशे का इंजेक्शन भी देता रहा। ढाका में युवती के नाम पर दो मंजिला मकान है। इस मकान में ५०-५० हजार के सोफा हैं। कमरे में एसी लगी है। एलसीडी समेत ऐशोआराम की तमाम चीजें उपलब्ध है। मकान में एक तहखाना भी है। लेकिन इस तहखाने का क्या उद्देश्य है? २५ फरवरी को मो. शमीम युवती के साथ निकाह कर उसकी संपत्ति पर कब्जा जमा उसे सऊदी अरब के एक व्यापारी से बेचने वाला था। इस बीच २३ फरवरी को गाड़ी चोरी के मामले में पुलिस ने घर पर छापेमारी की। घर बंद था, लेकिन अंदर से एक युवती की आवाज आई। पुलिस ने ताला तोड़कर युवती को मुक्त कराया। पूछताछ में युवती ने जो खुलासे किए वह किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं था। पुलिस ने मो. शमीम के खिलाफ मामला दर्ज कर युवती का इलाज कराया। स्वास्थ्य में सुधार के बाद शनिवार की शाम ढाका पुलिस ने उसे नाना के हवाले कर दिया। उधर, ढ़ाका पुलिस मोबाइल नंबर के आधार पर मो. शमीम को दबोचने के लिए छापेमारी कर रही है। पुलिस ने मो. शमीम की संपत्ति को जब्त करने का फैसला लिया है। मालूम हो कि डुमरा थाना के रसलपुर का राजीव कुमार मूक बधिर था। राजीव के पास अच्छी – खासी संपत्ति थी। राजीव-खुशबू का एक बेटा अमनदीप व एक बेटी समेत चार लोगों का हंसता खेलता परिवार था। राजीव ने बच्चों को पढ़ाने के लिए विश्वनाथपुर के पास अपना मकान बना लिया। पति के मूक रहने के कारण खुशबू का मो. शमीम के साथ अवैध संबंध हो गया। खुशबू ने पहले ३ जनवरी २००९ को स्कूल जाते वक्त अपने १३ वर्षीय पुत्र अमनदीप का अपहरण कराया। फिर उसकी हत्या कराई। बाद में प्रेमी के साथ मिलकर पति राजीव की हत्या कराई। बेटी को लेकर उसके साथ चली गई। शमीम मां-बेटी को लेकर सिलीगुड़ी चला गया। खुशबू ने सिलीगुड़ी में मकान खरीदा और तीनों वहीं रहने लगे। एक दिन शमीम खुशबू की बेटी के साथ अवैध संबंध बनाने में कामयाब हो गया। विरोध करने पर मो. शमीम ने खुशबू देवी की भी हत्या कर दी और कुछ समय बाद उसकी बेटी को लेकर ढाका चला आया।
स्त्रोत : जागरण