चैत्र कृष्ण पक्ष पंचमी, कलियुग वर्ष ५११६
संभाजीनगर – छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती की शोभायात्रा में हिन्दुओं का जल्लोष देखकर संतप्त जिहादीयों द्वारा संंजयनगर में बिलकुल हुडदंग मचाया गया । ‘अल्ला हो अकबर’ की घोषणा देते हुए शिवजयंती की शोभायात्रा पर गली-गली एवं घर के छत पर से पथराव किया गया । (आजतक के सर्वपक्षीय राजनेताओं द्वारा धर्मांधों की अति चापलूसी के कारण उद्दंड बने धर्मांध हिन्दुओं के त्यौहारों में बाधा उत्पन्न करते हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) धर्मांधों की झुंडशाही को हिन्दूओं ने स्पष्ट उत्तर दिए, परंतु घटना का पता चलते ही संजयनगर में प्रविष्ट पुलिसकर्मियोंने हिन्दुओं पर ही लाठीप्रहार किया । पुलिस ने जो भी दिखा, उसकी पिटाई की । इस धुमश्चक्री में ८ लोग घायल हो गए एवं परिसर में तनावयुक्त वातावरण है ।
१. नगर में तिथि के अनुसार ८ मार्च को शिवजयंती की शोभा यात्राएं अत्यंत आनंदपूर्ण वातावण में चालू थीं ।
२. संजयनगर-बायजीपुरा के शिवसैनिकों द्वारा निकाली गई शोभायात्रा गलीr क्रमांक ८ से जाते समय अस्लम मस्जिद के समक्ष एकत्रित धर्मांधों ने घोषणाबाजी एवं पथराव चालू किया । (हिन्दुओं की शोभयात्रा पर आक्रमण करनेवाले धर्मांधों पर क्या भाजपा शासन कार्यवाही करेगी ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
३. शोभायात्रा रुकने का पता चलते ही पूरे संजयनगर के हिन्दू मार्ग पर उतरे ।
४. घर-घर के हिन्दू वहां एकत्रित हुए ।
५. इसी समय सामने से धर्मांधों का समूह भी आया ।
६. इधर छत्रपति शिवाजी महाराज का जयघोष, तो उधर अकबर के वारिसों का जयजयकार चालू हो गया । (अकबर का जयजयकार करनेवालों को पाकिस्तान में ही भेजना चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
७. हिन्दुओं ने भी उनको स्पष्ट रूप से प्रत्युत्तर दिया । तबतक घटनास्थल पर पुलिस आई ।
८. हिन्दुओं ने कहा कि पथराव करनेवाले धर्मांधों पर कार्यवाही हुए बिना हम यहांसे नहीं हलेंगे ।
९. इस अवसर पर पुलिस ने हिन्दुओं पर ही लाठी प्रहार किया । हिन्दू इधर-उधर पलायन करने लगे । छोटे बच्चे तथा महिलाओं पर भी लाठीप्रहार किया गया । कुछ पुलिसकर्मियों ने हिन्दुओं के बंद दरवाजों पर भी लातों से प्रहार किया । (वैचारिक सुन्नत हुई पुलिस हिन्दुओं पर ही लाठीप्रहार कर उन्हें तितर-बितर करती है । ऐसी पुलिस धर्मांधों के संदर्भ में झुक जाती है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१०. इसी समय शिवसेना के सर्वश्री जनपद प्रमुख अंबादास दानवे, संतोष जेजूरकर, सोमनाथ बोंबले, नितीन अजमेरा, राजेंद्र दानवे, प्रकाश शीतलकर, मनीष भारुका इत्यादि लोग घटनास्थल पर पहुंच गए । (इसीलिए हिन्दुओं को सर्वप्रथम शिवसैनिकों का आधार प्रतीत होता है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
११. शाखाप्रमुख गणेश कुलकर्णी तथा विभागप्रमुख नवनाथ महानोर ने हुई घटना की जानकारी दी । इस अवसर पर श्री. दानवे ने ठनकाते हुए कहा कि यह उद्दंडता नहीं सहन की जाएगी । शिवजयंती की शोभायात्रा बडे उत्साह एवं आनंद (जल्लोष) के साथ ही निकलेंगी !
१२. परिणामतः वातावरण शांत होने पर श्री. दानवे के नेतृत्व में ढोलताशों की गुंजन में शोभायात्रा अग्रसर हुई ।
१३. तत्पश्चात इस सूत्रका लाभ उठाने हेतु मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के (एम.आइ.एम.के) नेता डॉ. गफार कादरी अपने समर्थकोें के साथ यहां आए; परंतु कादरी के विरुद्ध समूह एकत्रित होने के कारण कादरी को निकल जाना पडा ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात