मार्गशीर्ष शुक्ल ११, कलियुग वर्ष ५११५
सहस्रावधि धर्माभिमानियोंकी उपस्थितिमें वाईमें शिवप्रतापदिन अभूतपूर्व उत्साहमें संपन्न !
हिंदू जनजागृति समितिद्वारा राष्ट्र एवं धर्र्मविषयक मार्गदर्शन
तीव्र हिंदूनिष्ठ श्री. शरद पोंक्षेको वीर जीवा महाले पुरस्कार प्रदान करते हुए आचार्य धमेंद्रजी तथा अन्य मान्यवर |
वाई – शिवप्रतापदिन अर्थात अफजलखान हत्यादिनके अवसरका लाभ उठाते हुए तीव्र हिंदूनिष्ठ श्री. शरद पोंक्षेको वीर जीवा महाले पुरस्कार प्रदान किया गया । हिंदुत्वकी रक्षा तथा प्रसारका कार्य करनेवालोंको प्रतापगढ उत्सव समितिद्वारा प्रतिवर्ष यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है ।
श्री. पोंक्षेद्वारा किए जानेवाले हिंदूनिष्ठ विचारोंके प्रसार कार्यके कारण उन्हें इस वर्षका पुरस्कार प्रदान किया गया । इस अवसरपर मंचपर विश्व हिंदू परिषदके आचार्य धर्मेंद्रजी व्यास, प्रतापगढ उत्सव समितिकी संस्थापक-अध्यक्षा श्रीमती विजयाताई भोसले, श्री. विनायक सणस, श्री. पंडित मोडक, शिवसेनाके सातारा जनपद प्रमुख श्री. पुरुषोत्तम जाधव, भाजपाके श्री. अविनाश फरांदे, हिंदू जनजागृति समितिके प्रवक्ता डॉ. उदय धुरीके साथ अनेक मान्यवर उपस्थित थे । मंचको, ‘हिंदुहृदयसम्राट स्व. बाळासाहेब ठाकरे’, यह नाम प्रदान किया गया ।
उससे पूर्व प्रातः वाई नगरसे पारंपारिक वाद्योंकी गूंजमें छत्रपति शिवाजी महाराजकी पालकीकी शोभायात्रा निकाली गई । सनातन संस्थाकी श्रीमती स्मिता भोजद्वारा शिवरायकी प्रतिमाका पूजन किया गया । तदुपरांत तेजस्विनी शाहिर पथककी महिलाओंद्वारा अफजलखानका क्षात्रवृत्तिवर्धक यशगान प्रस्तुत किया गया । यशगान, भगवे झंडे, अफजलखान हत्याका भव्य फलक इन सबके कारण संपूर्ण वाई नगरी हिंदुत्वमय बन गई थी ।
हिंदुत्वका कार्य करनेवाले हिंदुओंको ही पुष्टि देनी चाहिए ! – आचार्य धर्मेंद्रजी व्यास
आजतक हिंदुस्थानका अधःपतन व्यक्तिनिष्ठाके कारण हुआ है । अतः आगामी कालावधिमें हिंदुओंको व्यक्तिनिष्ठ न रहकर हिंदुत्वका कार्य करनेवालोंको ही पुष्टि देकर हिंदू राष्ट्र स्थापनामें अपना सहयोग देना चाहिए । छत्रपति शिवरायके अनुसार उपासनाका सामर्थ्य वृद्धि कर हिंदुओंको संगठित होना चाहिए तथा रामराज्य स्थापनाके कार्यमें सम्मिलित होना चाहिए ।
शासनको अफजलखानकी कबरको महानता प्रदान करनेका कार्य त्वरित रोकना चाहिए ! – श्री. पुरुषोत्तम जाधव, शिवसेना जनपद अध्यक्ष, सातारा
वाई नगरके शिवप्रतापदिनके सर्व फलक एक रात्रिमें किसने निकाले ? उन्हें क्या दंड दिया जाएगा ? शासनको इसका उत्तर देना चाहिए । सर्वोच न्यायालयका आदेश होते हुए भी अफजलखानके कबरके निकटका अवैध निर्माणकार्य गिरानेमें शासन क्यों भयभीत होता है ?
धर्मका अधिष्ठान रखकर धर्मरक्षाहेतु हिंदुओेंको संगठित होना चाहिए ! – डॉ. उदय धुरी, हिंदू जनजागृति समिति
वर्तमानमें देशमें सर्व स्तरोंपर अस्थिरताकी वृद्धि हुई है । छत्रपति शिवाजी महाराजके समान धर्माचरण कर अपने धर्मबलकी वृद्धि होनी चाहिए । यदि ऐसा किया गया, तो ही आनेवाले कालमें सफलतासे संकटका विरोध करना संभव होगा ।
क्षणिकाएं
१. डॉ. धुरीके मार्गदर्शनके पश्चात हिंदूनिष्ठ कार्यकर्ताओंने अपने-अपने गांवमें कार्यक्रमका निमंत्रण दिया ।
२. कार्यक्रमस्थलपर सनातन संस्थाद्वारा आयोजित उत्पादन कक्षको हिंदूनिष्ठोंद्वारा उत्स्फूर्त प्रतिसाद प्राप्त हुआ ।
३. कार्यक्रमस्थलपर पुलिस निरीक्षक दयानंद ढोमेके साथ ३० पुलिसकर्मी भी उपस्थित थे । (धर्मांधोंपर ध्यान रखने हेतु नहीं, अपितु हिंदुओंके कार्यक्रमोंपर ध्यान रखने हेतु उपस्थित रहनेवाली हिंदूद्वेषी पुलिस ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात