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इस देशको गांधीजीकी नहीं, अपितु छत्रपति शिवाजी महाराजके विचारोंकी आवश्यकता ! – बंडा साळोखे, बजरंग

मार्गशीर्ष शुक्ल ११ , कलियुग वर्ष ५११५

जादूटोनाविरोधी विधेयकके विरोधमें कोल्हापुरमें घंटानाद आंदोलन !

कोल्हापुर – हिंदू जनजागृति समिति तथा समस्त हिंदूनिष्ठ संगठनोंद्वारा १२ दिसंबरको शिवाजी चौकपर जादूटोनाविरोधी अध्यादेशके विरोधमें घंटानाद आंदोलन एवं प्रदर्शनीका आयोजन किया गया । उस अवसरपर बजरंग दलके जनपद प्रमुख श्री. बंडा साळोखेने निर्भीकतासे अपना मत व्यक्त किया । उसमें उन्होंने बताया कि इस देशको गांधीजीकी नहीं, अपितु छत्रपति शिवाजी महाराजके विचारोंकी आवश्यकता है । साथ-साथ शासनको भगतसिंह एवं राजगुरुके मार्गपर अग्रसर होना आवश्यक है; किंतु शासनका कृत्य बिल्कुल विपरीत (उलटा) है । जादूटोनाविरोधी अध्यादेशके लिए बहुसंख्यक हिंदुओंका विरोध होनेके कारण शासनको उसे हिंदुओंपर बलपूर्वक थोपना नहीं चाहिए ।

उस समय हिंदू एकता आंदोलनके महाराष्ट्र विभाग उपाध्यक्ष श्री. दिलीप भिवटेने बताया कि ‘भारतमें धर्मस्वतंत्रता होनेके कारण शासन हिंदुओंकी धार्मिक बातोंमें हस्तक्षेप न करे ।' ह.भ.प. श्यामराव गोरड महाराजने बताया, ‘वारकरियोंके साथ चर्चा करनेका आश्वासन देकर भी परस्पर विधेयक प्रस्तुत किया गया । इस अध्यादेशके कारण दो बार वारी क्यों रोकी गई, शासनद्वारा इस बातका विचार क्यों नहीं किया जाता ?' हिंदू जनजागृति समितिके श्री. मधुकर नाजरेने बताया कि ‘लोकसभा चुनावके माध्यमसे शासनका अंत निकट आ गया है ।'

उस समय भाजपाके जनपद सरचिटणीस श्री. किशोर घाटगे, शिवसेना तहसील प्रमुख श्री. राजू यादव, शिवसेनाके उद्योग मोरचाके श्री. सतीश शिंदे, प.पू. नरेंद्र महाराज संप्रदायके श्री. एम.आर.पाटिल, महिला मोरचाकी श्रीमती तिलोत्तमा नाईक, श्रीमती दीपाली सुतार, सनातन संस्थाके श्री. सुरेश घाडगे, श्रीमती चव्हाण, श्रीमती घाडगे, हिंदू जनजागृति समितिके सर्वश्री सुधाकर सुतार, डॉ. मानसिंग शिंदे, सुरेश चव्हाण, शिवानंद स्वामीके साथ ५० से अधिक धर्माभिमानी उपस्थित थे।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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