चैत्र कृष्ण पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६
नई दिल्ली : महात्मा गांधी को ब्रिटिश एजेंट बताने के बाद काटजू ने अब उन्होंने राष्ट्रपिता को ‘चालाक पाखंडी’ करार दे दिया है।
काटजू ने एक बार फिर अपने ब्लाग में लिखा है कि मोहनदास करमचंद गांधी ही भारत के सार्वजनिक जीवन की हरेक बुराई की मूल वजह हैं। उन्होंने लगातार धर्म और राजनीति का घालमेल करके ब्रिटेन की बांटो और राज करो की ही नीति को बढ़ावा दिया। गांधी ने जनसभाओं में दशकों तक हिंदू धर्म से जुड़े विचारों को लोगों के बीच उठाया। जैसे- रामराज्य, गोरक्षा, वर्णाश्रम, ब्रह्मचर्य आदि।
इन मुद्दों के बार-बार उठाए जाने से मुसलमान लगातार मुस्लिम लीग जैसे संगठनों की ओर बढ़ने लगे। और ऐसे भारत विभाजन की कगार पर पहुंच गया। काटजू ने महात्मा गांधी पर आजादी के आंदोलन का सारा श्रेय लेने का भी आरोप लगाते हुए कहा कि क्रांतिकारी भगत सिंह, सूर्य सेन, चंद्रशेखर आजाद, अशफाकुल्लाह, राजगुरु, रामप्रसाद बिस्मिल, खुदीराम बोस और अन्य के आजादी के आंदोलन को प्रभावशाली तरीके से अलग धारा में मोड़ दिया।
साथ ही स्वतंत्रता आंदोलन को दंतहीन सत्याग्रह की ओर मोड़ दिया। साथ ही हाथ से चरखा चलाना और ट्रस्ट आदि की नींव रख दी। देश के १९४७ में आजाद होने के तुरंत बाद ही राष्ट्रपिता बन गए। इसके बाद से देश की दुर्दशा और भारतीय जनता का निम्न जीवनस्तर बदलना नामुमकिन हो गया। उन्होंने कहा कि जब तक हम उस चालाक पाखंडी का मुखौटा नहीं उतारेंगे तब तक कोई सुधार संभव नहीं है।
स्त्रोत : दैनिक जागरण