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३ सहस्र ६७ मंदिरोंकी वार्षिक आय का लेखा (हिसाब) लेना आरंभ : मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र

चैत्र कृष्णपक्ष ७, कलियुग वर्ष ५११६

हिन्दू विधिज्ञ परिषद द्वारा उजागर ‘पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति अपहार’ प्रकरण

हिन्दुओंकी अपेक्षा है कि इस परीक्षण के पश्चात अपहार प्रकरण में उत्तरदायी व्यक्तियोंपर मुख्यमंत्रीद्वारा कठोर कार्यवाही की जाए !

मुंबई : मुख्यमंत्री श्री. देवेंद फडणवीस ने एक प्रश्‍नोत्तर में जानकारी देते हुए कहा कि महाराष्ट्र देवस्थान समिति के अंतर्गत ३ सहस्र ६७ मंदिरोंकी आय का लेखापरीक्षण आरंभ किया गया है।

हिन्दू विधिज्ञ परिषदद्वारा प्रमाण के साथ पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति के अधिकार में आनेवाले मंदिरोंके कामकाज में किया गया अपहार उजागर किया गया था। इस विषय में आमदार सदा सरवनकर, किसन कथोरे तथा जितेंद्र आवाड ने तारांकित प्रश्‍न उपस्थित किया था। इस को दिए लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री ने उपर्युक्त जानकारी दी एवं कहा कि इस लेखापरीक्षण (हिसाब) के लिए मुंबई के कोचर एंड एसोसिएट्स नामक लेखापरीक्षक संस्था की नियुक्ति की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर तथा पन्हाळा के जोतिबा देवस्थान के साथ कोल्हापुर, सांगली, सिंधुदुर्ग जनपद के ३ सहस्र ६७ मंदिर महाराष्ट्र देवस्थान समिति के अंतर्गत आते हैं। लेखापरीक्षण से स्पष्ट हो गया है कि आर्थिक वर्ष २०१३-१४ में देवस्थानोंकी आय १४ करोड ६६ लाख ८३ सहस्र है तथा अभी वर्ष २००७ से २०१२ की आय का लेखापरीक्षण चालू है।

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धर्माभिमानीयोंको विनम्र आवाहन !

पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समितिद्वारा किए गए विशाल घोटालेके विरुद्ध संगठित होइए ! 
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स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात  

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