चैत्र कृष्णपक्ष नवमी, कलियुग वर्ष ५११६
हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा धर्मशिक्षण
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१. ‘धर्माचरण एवं हिन्दू संगठन का महत्त्व,’ इस विषय पर किए गए मार्गदर्शन को प्राप्त प्रतिसाद : ‘सुंदरगढ जनपद में वेदव्यास के लगभग ४५ युवकोंने इकट्ठे होकर ‘गोरक्षा’ तथा ‘लव जिहाद’ के संदर्भ में कार्य करने की दृष्टि से एक संगठित बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में ‘धर्माचरण तथा हिन्दू संगठन का महत्त्व,’ यह विषय प्रस्तुत करने हेतु हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. प्रकाश मालोंडकर को निमंत्रित किया गया था। बैठक के पश्चात धर्माभिमानी युवकोंने एकमत से वेदव्यास एवं आसपास के गांवोंके युवकोंको इस कार्य में सम्मिलित करने हेतु एकत्रित होकर प्रयास करने का निश्चय किया।
२. ‘राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा हेतु युवा पीढी को योगदान देने की आवश्यकता’ इस विषय पर मार्गदर्शन : सुंदरगढ जनपद में राजगंगपुर शहर के विश्व हिन्दू परिषद के भवन में आयोजित लगभग ३५ कार्यकर्ताओंकी उपस्थिति में मैंने हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से क्रांतिकारियों के जीवन के प्रेरणादायी प्रसंग कथन किए। साथ ही ‘राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा हेतु युवा पीढी को योगदान देने की आवश्यकता,’ इस विषय पर भी मार्गदर्शन किया। उस समय कुछ धर्माभिमानियोंने सनातन के सात्त्विक उत्पादन एवं ग्रंथ खरीदे।’
– श्री. प्रकाश मालोंडकर, राऊलकेला, ओडिशा