मार्गशीर्ष शुक्ल १४, कलियुग वर्ष ५११५
अंनिसद्वारा बनाया गया विवादग्रस्त जादूटोनाविरोधी अध्यादेश (अनिष्ट एवं अघोरी प्रथा तथा जादूटोनापर प्रतिबंध डालनेके संदर्भमें एवं उसका समूल उच्चाटन करने हेतु अध्यादेश २०१३) अंतमें महाराष्ट्र विधानसभाद्वारा पारित किया गया । इसमें विशेष बात यह है कि गत ९ वर्षोंसे वारकरी, हिंदू जनजागृति समिति, सनातन संस्था तथा अन्य हिंदूनिष्ठोंद्वारा किए गए तीव्र विरोधके कारण इस अध्यादेशमें होनेवाले हिंदू धर्मपर आपत्ति उठानेवाले कष्टदायक प्रबंध हटाए गए हैं । अतः यह कानून अब प्रभावशून्य अर्थात मृतवत हो गया है । धर्माभिमानी हिंदुओंको अब शीघ्र ही इस मृतवत कानूनका श्राद्ध करनेके लिए सिद्ध होना चाहिए । यदि अंनिसवालोंका श्राद्धपर विश्वास नहीं है, तो भी सश्रद्ध हिंदुओंका है । अतः इसमें संदेह नहीं कि सश्रद्ध हिंदू शीघ्र ही इस कानूनका श्राद्ध करेंगे !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात