मार्गशीर्ष पूर्णिमा , कलियुग वर्ष ५११५
शिवसेनाके सत्तामें आनेपर स्थायी रूपसे यह कानून निरस्त करेंगे !
शिवसेनाके अतिरिक्त अन्य बलवान हिंदूनिष्ठ संगठन एक शब्द भी क्यों नहीं बोलते ? क्या उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि हिंदुधर्मपर आघात करनेवाली बातोंसे उनका कोई संबंध नहीं है ?
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मध्यभागमें श्री. उद्धव ठाकरेसे विचार-विमर्श करते हुए प्रतिनिधिमंडलके सदस्य एवं अन्य मान्यवर
प्रतिनिधिमंडलमें राष्ट्रीय वारकरी सेनाके ह.भ.प. बापू महाराज रावकर, सनातन संस्थाके प्रवक्ता श्री. आनंद जाखोटिया, हिंदू जनजागृति समितिके महाराष्ट्र राज्य समन्वयक श्री. सुनील घनवट, समितिके नागपुर नगर समन्वयक श्री. सुभाष झंवर एवं कु. रागेश्री देशपांडे उपस्थित थे ।
नागपुर(महाराष्ट्र) : शिवसेनाके पक्षप्रमुख श्री. उद्धव ठाकरे १५ दिसंबरको दो दिनके विदर्भ भ्रमणपर यहां आए हैं । इस निमित्त आयोजित पत्रकार परिषदमें बोलते हुए उन्होंने स्पष्ट एवं मुंहतोड दृष्टिकोण अपनाते हुए कहा कि धर्मसे संबंधित जादूटोनाविरोधी कानूनकी धाराओंका शिवसेनाने सदैव विरोध किया है । इस संदर्भमें वारकरी संप्रदायका अभ्यास जबर्दस्त है । इसलिए वारकरियोंसे विचार-विमर्श कर कानूनके आपत्तिजनक सूत्र हटाकर उनका समाधान होना चाहिए । अन्यथा इस विधेयकको समर्थन नहीं देंगे । वारकरियोंके आशीर्वादसे उसकी तोड-फोड भी कर डालेंगे । अब कांग्रेसके कुछ ही दिन शेष हैं । भविष्यमें सत्तामें आनेपर हम स्थायी रूपसे यह कानून निरस्त करेंगे ।
श्री. ठाकरेने आगे कहा कि अघोरी, जारन-मारन आदि बातोंके लिए निश्चित रूपसे शिवसेनाका प्रबल विरोध है; परंतु उसके नामपर श्रद्धा अथवा धर्मपर आंच आई, तो शिवसेना उसका तीव्र विरोध करेगी । कष्टदायी त्रुटियां हटाएं, अन्यथा कानून निरस्त करना पडेगा । तो भी यदि सरकारने कानून बनाया एवं उसका दुरुपयोग किया गया, तो उसे निरस्त भी करेंगे । जनताकी भीड मंत्रालयके स्थानकी अपेक्षा मंदिरोंमें होती है; वह इसलिए कि जीवित व्यक्ति तथा मंत्री न्याय नहीं दे सकते, किंतु लोगोंको सिद्धिविनायक, शिर्डी इन स्थानोंपर विश्वास प्रतीत होता है । नरबलि देनेवाले अथवा हत्या करनेवालेको फांसी देनीही चाहिए । उसके लिए वर्तमान समयके कानून निश्चित रूपसे सक्षम हैं । तो फिर क्या वास्तवमें अलगसे कानून बनानेकी आवश्यकता है ? महत्त्वपूर्ण यह है कि यह कानून सभीपर लागू होना चाहिए । यदि लोग आर्थिक सहायता करनेके नामपर अपने धर्मका प्रसार करते हैं, तो वह चूक है । इसलिए इस कानूनके अंतर्गत इस बातपर भी प्रतिबंध आना चाहिए ।
वारकरी संप्रदाय एवं हिंदुनिष्ठ संगठनोंके प्रतिनिधिमंडलद्वारा निवेदन प्रस्तुत !
नागपुर – श्री उद्धव ठाकरेने वारकरी संप्रदाय एवं हिंदूनिष्ठ संगठनके प्रतिनिधिमंडलको आश्वासन देते हुए कहा कि निश्चित रूपसे विधान परिषदमें हम इस कानूनका विरोध करेंगे । इसके अतिरिक्त भविष्यमें शिवसेनाके सत्तामें आनेपर इस कानूनको स्थायी रूपसे निरस्त किया जाएगा । इस अवसरपर शिवसेनाके विधायकमंडलके गुटनेता श्री. सुभाष देसाई एवं विधान परिषदकी विधायिका श्रीमती नीलमताई गोरे उपस्थित थीं । दोनों विधायकोंने आश्वासन दिया कि १६ दिसंबरको विधान परिषदमें वे प्रबलतासे इस कानूनका विरोध करेंगे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात