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मुसलमानोंके संगठनद्वारा जादूटोनाविरोधी कानूनका विरोध

पौष कृष्ण १ , कलियुग वर्ष ५११५

हिंदुओंद्वारा विरोध किए जानेपर भी कानून बनानेवाले क्या अब मुसलमानोंद्वारा विरोध होनेपर कानूनको निरस्त करेंगे !

नागपुर – ‘एलीट मुस्लिम संगठन’ द्वारा प्रसिद्धिपत्रक निकाला गया है, जिसमें कहा गया है कि राज्यकी मुसलमान जनताको विश्वासमें लिए बिना ही सरकार जादूटोनाविरोधी विधेयक पारित कर रही है । इस संदर्भमें हमसे विचार-विमर्श किए बिना ही यह कानून लाया जा रहा है । इसलिए मुसलमान समाजमें प्रचंड रोष व्याप्त हो गया है । पैल गया है एवं इस कानूनको हमारा तीव्र विरोध है ।एलीट मुस्लिम संस्थाके शाहीद शरीफने प्रसिद्धिपत्रकमें कहा है कि इस कानूनमें ‘भोंदू लोग’ इस संज्ञाकीr व्याख्या स्पष्ट करते हुए मुजावर एवं गद्दीनशीनोंका उल्लेख किया गया है । मुजावरको दर्गामें सेवा करनेवाले व्यक्तिके रूपमें पहचाना जाता है । मुजावरके माध्यमसे दर्गामें चादर चढाई जाती है । उसीप्रकार सभी मुजावरोंके प्रमुखको गद्दीनशीन कहते हैं । जिसपर काले जादू करनेका आरोप हो, इस अध्यादेशमें उस व्यक्तिका नाम आना आवश्यक है । इसके अतिरिक्त जादूटोना करनेवाले व्यक्तियोंके विज्ञापनोंपर प्रतिबंध लगाया गया है । वैसा न करें; क्योंकि इन विज्ञापनोंसे ही जादू करनेवाले व्यक्तिका पता चलेगा तथा उनपर कार्यवाही करना संभव होगा । इन बातोंका उल्लेख करनेसे पूर्व विचार-विमर्शमें सरकारद्वारा मुसलमान समाजका मत नहीं लिया गया । अत: इस कानूनको हमारा विरोध है ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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