पौष कृष्ण २ , कलियुग वर्ष ५११५
हिंदुओ, और कितने दिनोंतक अपने पवित्र स्थानोंका अनादर देखते एवं सहते रहेंगे ? अब तो संगठित होकर उसके विरोधमें प्रतिकार करें !
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मालेगांव – महानगरपालिकाके नूतन भवनके पीछेवाले महादेव घाटके गणेशकुंडमें कुछ दिन पूर्व प्लास्टिक, जूते, जानवर तथा मनुष्यकी विष्ठा, साथ ही दारुकी खाली बोतलें पाई गर्इं; इसलिए समस्त हिंदू बंधुओंके एवं गणेशभतोंकी भावना आहत हुई है । (हिंदू असंगठित होनेके कारण ही पवित्र स्थानोंपर इस प्रकारके अनादरयुक्त कृत्य किए जाते हैं! क्या अन्य धर्मियोंके प्रार्थनास्थलोंपर किसीको इस प्रकारके कृत्य करनेका साहस है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) अतः मालेगांव महानगर मध्यवर्ती गणेशोत्सव समिति, सर्व पदाधिकारी एवं गणेशभक्तोंद्वारा महानगरपालिका आयुक्तको यह आवाहन किया गया कि शीघ्रसे शीघ्र महानगरपालिका गणेशकुंडकी स्वच्छता करे तथा वहांकी पवित्रताका पालन कर हमारी धार्मिक भावनाओंका आदर करे ।
साथ ही उस समय मालेगांव महानगर मध्यवर्ती गणेशोत्सव समितिद्वारा यह परिवाद भी किया गया कि गणेशकुंडके निकट ही भगवान शंकरजीका जागृत देवस्थान है । गणेशोत्सवके समय गणेशमूर्तियोंका विसर्जन वहां किया जाता है । उस समय महापालिकाद्वारा नगर तथा गणेशकुंड परिसरमें स्वच्छता की जाती है; किंतु उसके पश्चात वर्ष भर इस कुंडकी ओर ध्यान ही नहीं दिया जाता ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात