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धार्मिक तथा लक्ष्यित हिंसा प्रतिबंधक अधिनियम निरस्त करने हेतु अखिल भारतीय हिंदु सुरक्षा समिति

पौष कृष्ण ४ , कलियुग वर्ष ५११५

प्रदर्शन करते समय कार्यकर्ता

प्रदर्शन करते समय कार्यकर्ता

देहली : अखिल भारतीय हिंदु सुरक्षा समितिके राष्ट्रीय अध्यक्ष अनंत विभूषित जगद्गुरु स्वामी पंचानंद गिरीजी महाराजद्वारा यह प्रतिपादन किया गया कि ‘जिस प्रकार स्वतंत्रतापूर्व कालावधिमें अंग्रेजोंने हिंदुओंमें विभाजन करनेका प्रयास किया, उसी प्रकार धार्मिक तथा लक्ष्यित हिंसा प्रतिबंधक अधिनियमद्वारा अब कांग्रेस शासन हिंदुओंमें विभाजन करनेका षडयंत्र रच रहा है । इस कानूनके कारण सर्व धर्मके लोगोंको एक जैसा न्याय प्राप्त नहीं होगा । अल्पसंख्यक होनेके कारण केवल मुसलमान तथा ईसाईको छूट दी जाएगी । सारांश यह कि यह कानून भारतीय संविधानके विरोधमें है । अतः इस कानूनको हमारा विरोध है एवं यह कानून पारित न हो, इसलिए हम राष्ट्रव्यापी आंदोलन आयोजित करेंगे ।’

जंतर मंतर, देहलीमें १९ दिसंबरको अखिल भारतीय हिंदु सुरक्षा समितिद्वारा आयोजित प्रदर्शनमें धार्मिक तथा लक्ष्यित हिंसा प्रतिबंधक अधिनियम निरस्त करनेके संदर्भमें वे ऐसा बता रहे थे । उस समय इस संदर्भमें प्रधानमंत्रीको एक निवेदन प्रस्तुत किया गया । उस समय अखिल भारतीय हिंदु सुरक्षा समितिके वरिष्ठ नेता श्री. आशुतोष गौतम, पंजाब उपाध्यक्ष श्री. राजेश केहर, श्री. रूपिंदर लोचम, श्री. भूपिंद्र दीक्षित, हिंदू जनजागृति समितिके श्री. दैवेश रेडकर तथा पटियालाके १५० कार्यकर्ताए सम्मिलित हुए थे ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

 

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