हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा हिन्दुओंकी रक्षा करने हेतु संगठित होने का निश्चय !
बेंगलुरू (कर्नाटक) : वर्तमान में हिन्दू विभिन्न स्तरोंपर आपत्ति का सामना कर रहे हैं। हिन्दुत्वनिष्ठोंने बेंगलुरू की हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा आयोजित जनपद स्तरीय ‘हिन्दू अधिवेशन’ में उनकी रक्षा करने हेतु संगठित होने का निश्चय किया। हिन्दू समाज, राष्ट्र एवं धर्म पर आनेवाली आपत्तिका प्रतिकार कर हिन्दू विरोधी अधिनियमोंके संदर्भ में जागृति करने के उद्देश्य से २२ मार्च २०१५ को शहर के विजयनगर के आदिचुंचनगिरी मठ के सभागृह में इस अधिवेशन का आयोजन किया गया था।
इस अधिवेशन में धर्माचार्य, अधिवक्ता, धर्मप्रमुखोंके साथ पृथक हिन्दूनिष्ठ संगठनोंके पदाधिकारी सम्मिलित हुए थे। विख्यात इतिहास संशोधक तथा आदिचुंचनगिरी मठ के डॉ. चिदानंद मूर्ति, उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अमृतेश एन.पी. तथा सनातन संस्था की प्रसारसेविका कु. प्रियांका स्वामी ने दीपप्रज्वलन कर अधिवेशन का शुभारंभ किया। तदुपरांत हिन्दू जनजागृति समिति के प्रेरणास्रोत परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवले का संदेश पठन किया गया। प्रास्ताविक में हिन्दू जनजागृति समिति के कर्नाटक राज्य प्रवक्ता श्री. गुरुप्रसाद ने अधिवेशन का उद्देश्य स्पष्ट किया। समिति के बेंगलुरू के समन्वयक श्री. सुजीत ने समिति की ओर से प्रत्येक मास आयोजित किए जानेवाले ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ की जानकारी दी।
समान नागरी अधिनियम पारित करने हेतु शासन को विवश करें ! – डॉ. चिदानंद मूर्ति, इतिहास संशोधक
प्राचीन समय में परदेश जाना विशेष माना जाता था। विदेश से लौट कर आनेवालोंको ईश्वर के समान माना जाता था। उस समय स्वामी विवेकानंद ने परदेश में जाकर यह वक्तव्य दिया था कि ‘मैं हिन्दू हूं, ऐसा कहते हुए मुझे अभिमान प्रतीत होता है।’ किंतु वर्तमान की स्थिति भिन्न है। ‘मैं हिन्दू हूं’ ऐसा कहना धर्मांधता मानी जाती है; किंतु अन्य धर्मीय अभिमान से कहते हैं कि ‘मैं मुसलमान हूं’ अथवा ‘मैं ईसाई हूं।’ अतः हम सभी को समान अधिनियम पारित करने हेतु शासन को विवश करना चाहिए।
हिन्दू हित की रक्षा हेतु हिन्दू विधिज्ञ परिषद कार्यरत ! – अधिवक्ता अमृतेश एन.पी.
वर्तमान की स्थिति ऐसी है कि जीवन में अनावश्यक कुतंत्र सिखानेवाली मालिका देखने के लिए हमारे पास समय है; किंतु देश एवं धर्म हेतु हमारे पास समय नहीं है। हिन्दू धर्म एवं हिन्दुओंपर आनेवाली आपत्ति के विरुद्ध वैध मार्ग से लडाई कर हिन्दू विधिज्ञ परिषद हिन्दू हित रक्षा का कार्य कर रही है।
मस्जिद के भोंगे के विरुद्ध पुलिस थाने में परिवाद प्रविष्ट करें तथा यदि पुलिस ने सहयोग नहीं किया, तो न्यायालय जाकर न्याय की मांग करें ! – श्री. चंद्रु मोगेर, हिन्दू जनजागृति समिति
हमें दिन में ५ समय भोंगे की ध्वनि सुनने को बाध्य होना पडता है; किंतु हिन्दुओंके त्योहारोंकी कोई भी शोभायात्रा अन्य पंथियोंको सहन नहीं होती तथा वे हिन्दुओंपर आक्रमण करते हैं। ‘भोंगे लगाएं’, ऐसा कहीं भी लिखा नहीं है ; इसलिए मस्जिद के भोंगे के विरुद्ध पुलिस थाने में परिवाद प्रविष्ट करें। यदि पुलिस ने परिवाद की ओर अनदेखा किया, तो न्यायालय जाकर न्याय की मांग करें।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात