चैत्र शुक्लपक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११७
हिन्दुत्व का कार्य करते समय भगवंत का आधार रखकर धर्मकार्य में हिस्सा लें ! – प्रसाद वडके
उल्हासनगर (महाराष्ट्र) : अपने समक्ष छत्रपति शिवाजी महाराज का आदर्श है। उन के कार्य को भी भगवंत का आधार था। इसलिए उन्होंने हिंदवी स्वराज्य स्थापित किया। उसीप्रकार हिन्दुत्व का कार्य करते समय भगवंत का आधार रखकर धर्मकार्य में छोटा सा हिस्सा लेंगे। ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने हेतु जाति, पाति, संप्रदाय, पक्ष तथा आपस में का भेदभाव भूलकर प्रत्येक व्यक्ति को केवल हिन्दू के रूप में इस धर्मकार्य में सम्मिलित होना चाहिए।
हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. प्रसाद वडके ने ऐसा मार्गदर्शन किया। उल्हासनगर, मनोरे गाव के शिंपी सभागृह में हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा २१ मार्च को आयोजित हिन्दू संगठन मेले में वे बोल रहे थे।
इस अवसर पर श्री. वडके एवं परिषद के श्री. विक्रम भावे के शुभहाथों दीपप्रज्वलन किया गया। इस कार्यक्रम में मनोरे गाव के धर्मशिक्षा वर्ग में आनेवाले युवकोंने सक्रिय सहभाग लिया एवं उन्होंने बताया कि उन्हें इस कार्यक्रम से धर्मकार्य करने की प्रेरणा मिली।
साधु, संत एवं हिन्दुनिष्ठोंपर होनेवाले आक्रमण अर्थात सच्चे अपराधी को दुर्लक्षित करने का परिणाम ! – विक्रम भावे
हिन्दू विधिज्ञ परिषद के श्री. विक्रम भावे ने कहा कि अब तक हिन्दुओंको ही कानून दिखाया जाता है। हिन्दुओंपर दमननीति का उपयोग कर झूठे अपराध प्रविष्ट कर उन्हें झूठे परिवाद में फंसाया जाता है। दूसरी ओर जिन के हाथ अपराध से सने हैं उन्हें मतों की चापलूसी के लिए पुलिस एवं प्रशासन हाथ भी नहीं लगाते। इसके ही परिणाम के रूप में आज साधु, संत एवं हिन्दुनिष्ठोंपर आक्रमण हो रहे हैं। उन पर अपराध सिद्ध हुए बिना ही उन्हें कारागृह में सडे रहना पडता है। देव, देश एवं धर्म के लिए कार्य करनेवाले हिन्दुनिष्ठोंके पीछे हिन्दू विधिज्ञ परिषद निश्चित रूप से खडी रहेगी !’’
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात