पौष कृष्ण ४ , कलियुग वर्ष ५११५
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वाराणसी – राम मंदिर मुद्दे से अभी तक दूरी बनाए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बाबा विश्वनाथ की नगरी में रामराज्य स्थापित करने का आह्वान किया। अपने चिर परिचित अंदाज में उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने चाय बेची है, देश नहीं बेचा। मोदी ने कहा कि मुझे उत्तर प्रदेश के लोगों पर पूरा भरोसा है। उनके पूर्वजों ने ही रामराज्य की परंपरा डाली थी। उनमें इस सिलसिले को फिर से शुरू करने की क्षमता है। इस मौके पर मोदी ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा भी बुलंद किया। कहा, कांग्रेस मुक्त भारत गरीबी और भ्रष्टाचार से मुक्ति की गारंटी है।
नरेंद्र मोदी ने कहा, उत्तर प्रदेश में व्याप्त समस्याओं की सबसे बड़ी वजह यहां पर सही सरकार का न होना है। जिस दिन जनता यहां पर सही सरकार चुन लेगी, उसी दिन से समस्याओं का समाधान शुरू हो जाएगा। इस मौके पर उन्होंने गंगा शुद्धिकरण अभियान पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मां के रूप में जानी जाने वाली गंगा नदी का बुरा हाल है। हजारों करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद कुछ नहीं हुआ। उन्होंने गुजरात में बहने वाली साबरमती और नर्मदा नदियों का उदाहरण देकर कहा, जब उनको साफ किया जा सकता है तो गंगा को क्यों नहीं। लेकिन इसके लिए सरकार की नीयत साफ होनी चाहिए।
मोदी ने बनारसी साड़ी का जिक्र करके बुनकरों की रोजी-रोटी का सवाल उठाया। कहा, अगर उन्नत तकनीकी से सूरत बदल सकता है तो वाराणसी क्यों नहीं बदल सकती। लेकिन इसके लिए सरकारी इच्छाशक्ति की जरूरत है। गरीबी के सवाल पर मोदी ने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया। कहा, केवल एक परिवार ने देश पर ४५ साल तक शासन किया लेकिन गरीबी की समस्या खत्म नहीं हुई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उनमें गरीबों के प्रति संवेदना का अभाव था। वे नहीं जानते कि गरीबी क्या होती है। उन्हें गरीबों के दर्द से कोई वास्ता नहीं रहा।
मोदी ने कहा कि जब चुनाव आता है तो कांग्रेस गरीब-गरीब की माला जपने लगती है और जैसे ही जीतकर सत्ता में बैठती है-वह उनके बारे में भूल जाती है। खुद को चाय बेचने वाला कहे जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मोदी ने लोगों से पूछा, क्या चाय बेचना गलत है? क्या मेहनत से ईमानदारी की रोटी कमाना गलत है?
जनता के पक्ष में आए जवाब से उत्साहित मोदी ने परोक्ष रूप से फिर कांग्रेस पर प्रहार किया- चाय बेची है पर देश नहीं बेचा। इस देश में खेत में काम करने वाला मजदूर, फुटपाथ पर बैठकर जूता पॉलिश करने वाला और दूसरे गरीब भी मेहनत व संघर्ष करके आगे बढ़ सकते हैं-प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंच सकते हैं।
स्त्रोत : जागरण