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हनुमान का अनादर करने के संदर्भ में ‘इकॉनॉमिक टाइम्स’ के विरुद्ध हिन्दू जनजागृति समिति ने पुलिस थाने में प्रविष्ट किया परिवाद !

छायाचित्र में हनुमान को क्रॉस पर लटकाकर उनके हाथ-पैर को कील लगाने को प्रदर्शित किया गया है !

  • हिन्दुओ, आप कब तक अपने देवताओंका अनादर सहेंगे ?

  • इसका विरोध करने हेतु नेतृत्व करनेवाली हिन्दू जनजागृति समिति का दृढतापूर्वक साथ देंकर धर्मकर्तव्य निभाएं !

अनादर किया गया हनुमान का छायाचित्र

नई मुंबई : ‘इकॉनॉमिक टाइम्स’ समाचारपत्रिका के व्यंगचित्र में हनुमान को क्रॉसपर लटके हुए प्रदर्शित कर हिन्दू तथा ईसाईयोंके श्रद्धास्थानोंका अनादर किया गया है। इस संदर्भ में सानपाडा नई मुंबई के हिन्दू जनजागृति समिति के मुंबई प्रवक्ता डॉ. उदय धुरी ने तुर्भे, सानपाडा पुलिस थाने में व्यंगचित्रकार, संपादक, स्वामी तथा प्रकाशक के विरुद्ध २५ मार्च २०१५ को वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक श्री. बागडे के पास परिवाद प्रविष्ट किया है।

धर्माभिमानी हिन्दु निम्न र्इमेल पतेपर अपना निषेध व्यक्त कर रहें है – [email protected]

व्यंगचित्रकार के साथ-साथ संबंधित व्यक्तियोंके विरोध में हिन्दू तथा ईसाईयोंकी धार्मिक भावना आहत करने के संदर्भ में तथा दो धर्मों में अनबन उत्पन्न करने के संदर्भ में अपराध प्रविष्ट किया है। साथ ही उन्हें त्वरित बंदी बनाने की मांग भी की गई है।

डॉ. धुरी ने याचिका में यह प्रस्तुत किया है कि इकॉनॉमिक टाइम्स के १७ मार्च २०१५ के अंक में पृष्ठ २ पर प्रकाशित व्यंगचित्र में हनुमान को क्रास पर लटकाया हुआ मुद्रित किया है तथा उनके हाथ-पैर को कीलें लगाई गई हैं। मैं श्रीराम तथा हनुमान का भक्त हूं इस कारण इस व्यंगचित्र के कारण मेरी धार्मिक भावना आहत हुई है।

व्यंग्यचित्रकार तथा संपादक ने जानबूझकर हिन्दू एवं ईसाईयोंके मध्य धार्मिक अनबन उत्पन्न करने हेतु यह व्यंग्यचित्र मुद्रित किया है। साथ ही कील लगानेवाले के मुंह में ‘जय श्रीराम, हो गया काम’, यह वाक्य दिखाया गया है, साथ ही छायाचित्र में यह भी मुद्रित किया है कि ‘हरियाना के चर्च की तोडफोड की गई है तथा हनुमान की प्रतिमा अंदर रखी गई है।’ (इससे इकॉनॉमिक टाईम्स चर्च की तोडफोड हिन्दुओंद्वारा की गई है, ऐसे गृहित पकडकर ‘हिन्दुओंको क्रॉसपर लटकाएं तथा उनके हाथ-पैर को कीलें लगाएं’, ऐसा ही प्रक्षोभक संदेश दिया है। इस संदर्भ में पुलिस परिवाद प्रविष्ट करेंगे या नित्य की भांति अल्पसंख्यकोंकी चापलूसी अर्थात अनदेखा करेंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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