पौष कृष्ण ६ , कलियुग वर्ष ५११५
कांग्रेस सरकारद्वारा लाई गई अडचनोंपर मात कर तिरुपतिकी हिंदू गर्जना सभा सफल !
२ सहस्र ५०० हिंदू धर्माभिमानी उपस्थित
हिंदुओ, अब शुक्रवार भी मुसलमानोंका हो गया, यह खतरा याद रखें !
शुक्रवारको हिंदू गर्जना सभा आयोजित करनेसे धर्मभावनाओंपर आघात हुआ, वहांके मुसलमानोंने पुलिस अधिकारीके पास ऐसा परिवाद प्रविष्ट किया था । उस पुलिस अधिकारीने हिंदुओंको यह सभा शुक्रवार की अपेक्षा शनिवारको आयोजित करनेका, दिया । अबतक केवल मास्जिदें एवं दर्गे मुसलमानोंके थे । धीरेधीरे बकरी ईद, रमजान, ६ दिसंबर (बाबरीपतन दिन) ये दिन मुसलमानोंके हुए । अब हर सप्ताहका शुक्रवार भी मुसलमानोंका हो गया । भविष्यमें दिनभरके नमाजके पांचों समय भी मुसलमानोंके हो जाएंगे तथा हिंदुओंको कोई भी कार्यक्रम करना कठिन हो जाएगा ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात
व्यासपीठपर उपस्थित संत |
तिरुपति – यहांका इस्लामिक विश्वविद्यालय निरस्त करनेकी मांगको लेकर हिंदुनिष्ठ संगठनोंद्वारा आरंभ किए आंदोलनके एक भागके रूपमें तिरुमला तिरुपति पवित्रता संरक्षण वेदिकाने २० दिसंबरको इंदिरा मैदान, तिरुपति नागरी विकास आयोगके (‘टुडा’के) कार्यालयके समक्ष हिंदू गर्जना सभा आयोजित की थी । इसकेविरुद्ध स्थानीय धर्मांध मुसलमानोंने यहांके पुलिस अधीक्षकके कार्यालयको १९ दिसंबरको घिराव किया था । अतः टुडा कार्यालयने मैदानको ताला लगाया था ।
सभाके लिए मैदान एवं ध्वनिक्षेपक लगानेकी अनुमति देनेका अधिकार हिंदूनिष्ठोंको होनेके कारण इस आधारपर उन्होंने यहां सभा आयोजित की । सभाके कारण इस्लामिक विश्वविद्यालयके विरुद्ध जनतामें प्रचंड जागृति उत्पन्न हुई । शारदापीठके जगद्गुरु स्वरूपानंद स्वामीजी, श्री शिवपीठके श्री शिवा स्वामीजी, हिंदू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे तथा समितिके आंध्रप्रदेश राज्य समन्वयक श्री. चेतन जनार्दन इत्यादि व्यक्तियोंने उपस्थित हिंदुओंको मार्गदर्शन किया । सभाके लिए श्री कमलानंदतीर्थ स्वामीजी, तामिलनाडुके शिवसेना प्रदेश प्रमुख श्री. राधाकृष्णन् हिंदु मक्कल कत्छीके (हिंदू जनता पक्षके) संस्थापक श्री. अर्जुन संपथ, हिंदु धर्म रक्षा समितिके अध्यक्ष श्री. चेडलुरि गौरय्या, धर्माभिमानी श्री. अकुल कृष्ण कुमार आदी मान्यवर एवं २ सहस्र ५०० हिंदु उपस्थित थे ।
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सभामें उपस्थित जनसमुदाय
तिरुपति(आंध्र प्रदेश) : क्या वेटिकन एवं मक्कामें हिंदुओंकी वेदपाठशाला कभी स्थापित होगी ? नहीं । तो हम भी तिरुपतिमें इस्लामिक विश्वविद्यालय नहीं होने देंगे । तिरुपतिमें इस्लामिक विश्वविद्यालय स्थापित करने हेतु प्रशासकीय अधिकारी तथा राजनैतिक नेता कार्यरत हैं, यह अत्यंत लज्जास्पद है । तिरुपति मंदिरको आतंकवादियोंद्वारा खतरा है, यह ज्ञात होते हुए भी प्रशासनका इस्लामिक विश्वविद्यालयको अनुमति देना अनाकलनीय है ।
जिन्हें मुसलमानोंके मतोंकी आवश्यकता है, हिंदू उन्हें मत न दें । इस घटनाकी छानबीन करने हेतु राजनैतिक नेताओंको असफलता प्राप्त होनेसे संतोंको आगे आना पडा । वर्तमान प्रशासनसे ब्रिटिशके प्रशासनमें मंदिर अधिक सुरक्षित थे । रामभक्त करसेवकोंने बाबरी मस्जिद गिराई उसी प्रकार अब इस्लामिक विश्वविद्यालयका ढांचा गिराने हेतु व्यंकटेश्वरकी सेना (श्रीवारीसेना) खडी करनी पडेगी, शारदापीठमके जगद्गुरु स्वरूपानंद स्वामीने २० दिसंबरको तिरुपतिमें तिरुमला-तिरुपति पवित्रता सुरक्षा वेदिकाद्वारा आयोजित हिंदू गर्जना सभामें ऐसा प्रतिपादन किया । इस सभामें विविध संत, मान्यवर तथा २ सहस्र ५०० धर्माभिमानी हिंदू उपस्थित थे ।
अंततक लडकर तिरुपतिमें इस्लामिक विश्वविद्यालय नहीं होने देंगे ! – श्री शिवा स्वामीजी, श्री शिव पीठ, विजयवाडा
प्रशासनने विश्वविद्यालयके ५ तल्ले तोडनेका आदेश दिया है । हम चाहते हैं कि यह विश्वविद्यालय ही यहांसे हटाया जाए । सारे संत एवं साधु तिरुमला तिरुपति पवित्रता सुरक्षा वेदिकाके साथ अंततक लडकर तिरुपतिमें इस्लामिक विश्वविद्यालय नहीं होने देंगे । हम स्थानीrय मुसलमानोंके विरुद्ध नहीं हैं; किंतु बाहरसे आए अन्य धर्मियोंने अनुचित स्थानपर निर्माणकार्य किया है ।
तिरुपतिको पुन: दूसरी अयोध्याका स्वरूप नहीं होने देंगे – रमेश शिंदे
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काशी तथा मथुरा हिंदुओंके हाथसे निकल गई; अयोध्या बचाई गई, अब इस सभामें हम प्रशासनको चेतावनी देते हैं कि हम तिरुपतिकी स्थिति दूसरी बाबरी जैसी नहीं होने देंगे । टुडा कहती है आजकी हिंदू गर्जना सभा अवैध है । तो क्या इस्लामिक विश्वविद्यालय वैध है ? उत्तर भारत स्थित हिंदू सभामें सम्मिलित होने हेतु आनेवाले थे; किंतु हमने कहा कि यह विश्वविद्यालय रोकने हेतु आंध्रप्रदेश स्थित हिंदू ही सक्षम हैं ।
क्षणचित्र
इस सभा हेतु पुलिसने बडी मात्रामें नियंत्रण रखा था । इस्लामिक विश्वविद्यालयकी ओर जानेवाले सारे रास्ते १० किलोमीटरतक बंद किए गए थे । इतना ही नहीं, अपितु सभा एवं विश्वविद्यालयके इर्द गिर्द पेड-पौधोंमें भी पुलिस नियुक्त की गई थीं ।(जिहादी आतंकवादियोंके नहीं, धर्मप्रेमी एवं राष्ट्रप्रेमियोंके विरुद्ध प्रचुर नियंत्रण रखनेवाले हिंदुद्वेषी कांग्रेसी शासनकर्ता ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात