पौष कृष्ण ७, कलियुग वर्ष ५११५
हिंदुओंकी सभाका विरोध, जबकि मुसलमानोंकी सभाको अनुमति !
विजापुर – हिंदू जनजागृति समितिद्वारा आयोजित हिंदू धर्मजागृति सभाका प्रचार करते समय पुलिसद्वारा दिए जानेवाले कष्टोंके विषयमें जानकारी देने हेतु समितिद्वारा २० दिसंबरको पत्रकार परिषद आयोजित की गई । इस सभामें समितिके राज्य समन्वयक श्री. मोहन गौडा, श्री. व्यंकटरमन नायक, श्री. अजीत वठार, श्रीराम सेनाके श्री. नीलकंठ कनगल, प्रकाश मिर्र्जि, सनातन संस्थाकी श्रीमती लता फत्तेपुर इत्यादि उपस्थित थे ।
श्री. मोहन गौडाद्वारा प्रस्तुत सूत्र….
१. समितिद्वारा २५ दिसंबरको संध्या समय ५ बजे विजापुरके विद्यावर्धक संघके दरबार हाइस्कूलके मैदानमें हिंदू धर्मजागृति सभा आयोजित करने हेतु वैधानिक मार्गसे अनुमति ली है ।
२. इस संदर्भमें सभाके लिए ध्वनिवर्धकका उपयोग करने हेतु पुलिस विभागकी तथा भित्तिपत्रक एवं फ्लेक्स फलक लगाने हेतु नगरसभा कार्यालयकी अनुमति ली गई है ।
३. पिछले २ माहसे छोटे गावोंसे लेकर नगरतक सभी स्तरोंपर सिद्धता की गई है । प्रमुख अतिथियोंके निवास तथा यात्राकी सुविधा करने हेतु प्रचुर मात्रामें पैसोंका अपव्यय किया गया है ।
४. ऐसा होते हुए भी विजापुर जनपद पुलिस अधीक्षक स्थानीय मुसलमान विधायकोंके दबावमें आकर तथा जातीय तनावका कारण बताते हुए धर्मजागृति सभा आयोजित करनेमें विविध प्रकारसे अडचनें उत्पन्न कर रहे हैं ।
५. ध्वनिक्षेपकके माध्यमसे प्रचार करनेवाले वाहन पुलिस थानेमें लेकर जाना, प्रचारके लिए दी गई ध्वनिक्षेपकका उपयोग करनेकी अनुमति निरस्त करना, वाहन फेरीके लिए अनुमति देनेमें विलंब करना, सभाका प्रचार करनेवाले कार्यकर्ताओंको कष्ट देना तथा सभाके लिए अनुमति निरस्त करनेका प्रयास करना इस प्रकारसे अडचनें उत्पन्न करनेका प्रयास स्थानीय पुलिस विभागद्वारा किया जा रहा है ।
६. अधिकांश हिंदू रहनेवाले हिंदुस्थानमें पुलिसद्वारा हिंदुओंके धर्मप्रचारका अधिकार छीन लेनेका यह प्रयास है, जिसका निषेध होना ही चाहिए ।
७. पुलिस विभागद्वारा ‘अनुमति नहीं देंगे’, ऐसा लिखित रूपमें देनेके fिलए भी मना किया जा रहा है, जबकि दूसरी ओर सिंदगीके जातीय दंगेके समय सी.एम. इब्राहीमको सिंदगी एवं बागेवाडीमें सभा आयोजित करने अनुमति दी जा रही है; परंतु हिंदुओंको विभागद्वारा अनुमति होते हुए भी सभा आयोजित करने हेतु नकारा जा रहा है । यह कैसा विरोधाभास है ? यह बहुसंख्यक हिंदुओंपर होनेवाला अन्याय तथा संविधानद्वारा दिए गए व्यक्तिस्वातंत्र्यपर प्रहार ही है ।
८. इस प्रकारसे नागरिकोंका मूलभूत अधिकार छीन लेना निषेध है । हिंदु धर्मजागृति सभा आयोजित करना हिंदुओंका अधिकार है । वह जातीय दंगेके लिए नहीं, अपितु हिंदू बंधुओंमें हिंदु धर्मके विषयमें जागृति करनेके उद्देश्यसे आयोजित की जाती है । इसके लिए किसी भी प्रकारकी अडचन उत्पन्न न करते हुए सभा व्यवस्थित रूपसे संपन्न होने हेतु पुलिससे सहायता करनेकी विनती की जाती है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात