अभिनेता नसीरुद्दीन शाह मानते हैं कि बॉलीवुड फ़िल्मकारों में इस्लाम धर्म पर फ़िल्म बनाने की हिम्मत किसी की नहीं हुई है जो बड़े अफसोस की बात है।
दरअसल नसीरुद्दीन शाह से जब पूछा गया कि फ़िल्म ‘पीके’ में निर्देशक राजकुमार हीरानी ने हिंदू धर्म में व्याप्त बुराइयों पर तो जमकर कटाक्ष किया लेकिन इस्लाम पर कटाक्ष करने से वो बचे। भला क्यों?
नसीरुद्दीन शाह ने जवाब में कहा, “ये सवाल आप हीरानी साहब से पूछें। उनकी फ़िल्म पीके में यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया गया। उन्होंने मुसलमानो का मज़ाक क्यों नहीं उड़ाया?”
नसीरुद्दीन आगे बोले, “पाकिस्तान में तो हिम्मत हुई थी फ़िल्म ख़ुदा के लिए बनाने की। ऐसी हिम्मत कोई हमारे यहाँ नहीं कर पाया। पता नहीं क्यों?”
नसीरुद्दीन शाह की फिल्म ‘धरम संकट में’ १० अप्रैल को रिलीज़ हो रही है। उसी के सिलसिले में वो बीबीसी से बात कर रहे थे। ये फ़िल्म धर्म गुरुओं पर कटाक्ष करती है। फिल्म में परेश रावल की भी अहम भूमिका है।
पाकिस्तान के खिलाफ माहौल क्यों ?
नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में कहा था कि, ‘पाकिस्तान की इमेज दुश्मन के रूप में बनाने के लिए भारत में ब्रेन वॉशिंग की जाती है।’ उनका ये बयान पाकिस्तान के न्यूज़ पोर्टल, अखबारों व सोशल नेटवर्किंग साइट पर छाया हुआ था।
इस बयान पर उन्होंने कहा, “मुझे लगता हैं कि कहीं हमारी नसों में ही पाकिस्तान के लिए कुछ नफ़रत दौड़ रही हैं। मालूम नहीं क्यों?” उन्होंने कहा, “मैं उम्मीद करता हूँ कि आने वाली पीढ़ी में इस तरह का ज़हर नहीं डाला जाएगा जो हमारी नसों में डाला गया था। पता नहीं हम उनके लिए हमेशा ही खिंचाई वाला रवैया क्यों दिखाते हैं? इसकी वजह अगर फ़िल्में हैं तो मैं समझता हूँ कि यह गलत हैं। यह जो कुछ भी हो रहा हैं उसे ख़त्म कर देना चाहिए।”
स्त्रोत : बी बी सी