पौष कृष्ण ७, कलियुग वर्ष ५११५
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हिंदू जनजागृति समितिके संकेतस्थलपर धर्मांधोंद्वारा किए गए विध्वंसके विषयमें वस्तुस्थितीके रूपमें संकेतस्थलको प्रतिबंधित करनेवाली, परंतु जाकिर नाईकके हिंदूद्वेषी दुष्कृत्य न देखनेवाली गूंगी, बहरी एवं अंधी कांग्रेस सरकार !
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जाकिर नाईकके देवी-देवताओंके विषयमें अनादरात्मक विधान वाली आक्षेपार्ह क्लिप एवं भारतमें प्रतिबंधित टी.वी.के दूरचित्रप्रणालद्वारा अब भी प्रसारण जारी ही है !
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मुंबई – सितंबर २०१२ में ठीक गणेशोत्सवकी कालावधिमें हिंदूद्वेषी मुसलमान विचारक डॉ. जाकिर नाईकने करोडों हिंदुओंके आराध्यदेवता भगवान शंकर एवं भगवान श्री गणेशजीका अत्यंत हीन स्तरपर अनादर करनेके प्रकरणमें अनेक हिंदुओंद्वारा उनके विरुद्ध पुलिस थानेमें अपराध प्रविष्ट किए गए थे । अब मुंबईके पुलिस थानेमें उनपर प्रविष्ट अपराधोंकी जांच आरंभ की गई है । पुलिस थानेमें हाल-हीमें इस जांचके एक भागके रूपमें २६ सितंबर २०१२ को हिंदू धर्माभिमानी श्री. शिवाजी वटकरद्वारा प्रविष्ट अपराधका जबाब लिया गया । (सव्वा वर्षपूर्व प्रविष्ट अपराधपर अब जाकर अगली प्रक्रिया आरंभ करनेवाला कूर्मगतिवाला शासन ! यदि संपत्कालमें पुलिसकर्मियोंकी कार्यवाहीकी गति इस प्रकार है, तो आपत्कालमें वे कैसे कार्य करेंगे, इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
इस अवसरपर श्री. वटकरने पुलिससे प्रश्न करते हुए कहा कि आप अपराध प्रविष्ट करनेवाले व्यक्तियोंको अमंत्रित कर पूछताछ करते हो; परंतु क्या अपराधी जाकिर नाईकको अमंत्रित करते हैं ? वे उजागर रूपसे सर्वत्र घूम रहे हैं । इसपर पुलिसने हमें कानूनकी सीमामें रहकर कार्य करना पडता है, ऐसा कहकर समय बिताया । (अपराधीको आमंत्रित न करते हुए परिवादकर्ताको ही निरंतर भ्रमण करवाना यह कौनसे कानूनमें बैठता है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
यदि आपने सिद्ध कर दिखाया की श्री गणेशजी ईश्वर हैं, तो मैं प्रसाद ग्रहण करूंगा एवं यदि आपका ईश्वर अपने बच्चेको नहीं पहचान सकता, तो मैं संकटमें हूं, यह कैसे पहचानेंगा ? इसप्रकारके हिंदुओंके देवी-देवताओंके विषयमें अपमानजनक वक्तव्यसे युक्त हिंदुद्वेषी डॉ. जाकिर नाईककी अपत्तिजनक क्लिप अब भी यु-ट्यूबपर दिखाई देती है । भारतके उनके पीस टी.वी. दूरचित्रप्रणालके प्रसारणपर प्रतिबंध लगाया गया है । तो भी यह प्रणाल भारतमें सहज रूपसे दिखाई देता है । धर्माभिमानियोंने प्रश्न उपस्थित किया है कि क्या हिंदू जनजागृति समितिके संकेतस्थलके कुछ शब्दोंपर आपति्त उठाकर संकेतस्थलपर प्रतिबंध लगानेवाली आसुरी कांग्रेस सरकार हिंदूद्वेषी धर्मांध डॉ. जाकिर नाईकके हिंदूद्वेषी कृत्योंको जानबूझकर दुर्लक्षित तो नहीं कर रही है ।
हिंदुओ, संकेतस्थलद्वारा उजागर रूपसे चल रहा देवी-देवताओंका विडंबन रोकने हेतु वैधानिक मार्गसे लडाई करें ! पुलिसके साइबर सेलमें परिवाद करें !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात