पौष कृष्ण ७ , कलियुग वर्ष ५११५
कांग्रेस सरकारके दास बने पुलिसकर्मी धर्मांधोंके आक्रमणके समय मार खाते हैं, जबकि हिंदुओंके वैध एवं अनुशासनबद्ध कृत्योंपर कार्यवाही करते हैं !
विजापुर (कर्नाटक) – यहां २५ दिसंबरको होनेवाली हिंदू धर्मजागृति सभाके निमित्त २३ दिसंबरको दोपहिये वाहन फेरी आयोजित की गई थी । पुलिसद्वारा अनुशासनबद्ध एवं शांतिपूर्ण पद्धतिसे नियोजित मार्गसे जानेवाली दोपहिया वाहन फेरीको गोलगुंबज क्षेत्रमें रोककर उसपर लाठीप्रहार किया गया तथा ३ दोपहिये एवं एक चारपहिया वाहन नियंत्रणमें लिया गया । फेरीके मार्गकी जानकारी पुलिसको नहीं थी ।
इसलिए फेरीके उचित मार्गसे जाते हुए भी वह अयोग्य मार्गसे जा रही ऐसा कह लाठीप्रहार किया गया । तो भी हिंदुओंके ध्यानमें आया है कि फेरीको रोकने हेतु ही यह लाठीप्रहार किया गया है । इस घटनासे यहांपर तनाव उत्पन्न हुआ । हिंदुनिष्ठोंद्वारा पुलिससे स्पष्टीकरण मांगनेपर पुलिसने २ वाहन वापिस दिए । इस अवसरपर फेरीका चित्रीकरण करनेवाले हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताओंपर भी पुलिसने लाठीप्रहार किया । इस फेरीमें २०० धर्माभिमानी सम्मिलित हुए थे ।
१. फेरी सवेरे ११ बजे आरंभ होनेवाली थी; परंतु पुलिसने फेरीके लिए १०.३० बजे अनुमति दी । अनुमति देते समय भी पुलिसने अडचन लगाई ।
२. १० दिसंबरको पुलिसमें आवेदन पत्र दिया गया था । राजनीतिक दबावके कारण फेरीके लिए अनुमति नहीं दी जा रही थी ।समितिके कार्यकर्ताओंको अनेक बार पुलिस थानेका चक्कर मारनको विवश किया गया । अनुमति देने हेतु पुलिसद्वारा कुछ शर्तें भी रखी गई थीं । (सभी दोपहियोंके क्रमांक देना, कुछ मार्गोंको ऐसा कहते हुए निरस्त करनेको कहना कि वहां मुसलमान रहते हैं, घोषणा न देना तथा कोई भी हानि होनेपर हिंदू जनजागृति सतितिके जनपद समन्वयकको उत्तरदायी ठहराया जाना )
३. किसी भी अनुमतिके लिए पुलिसके पास ५ दिनोंकी कालावधिकी मर्यादा होती है तथा अधिकसे अधिक ७ दिनोंमें अनुमति देना अपेक्षित है । परंतु पुfिलसद्वारा इन नियमोंका उल्लंघन कर१३ दिनके उपरांत एक घंटेमें फेरी समाप्त करनेके शर्तपर अनुमति दी गई ।
४. पुलिसद्वारा कहा गया था कि २२ दिसंबरको दोपहर ४ बजे अनुमति दी जाएगी । अतः उस समय समितिके कार्यकर्ता पुलिस थानेमें गए, तो पुलिसने उन्हें ५ बजे आनेको कहा । ५ बजे जानेपर उन्हें ८ बजे आनेको कहा गया एवं ८ बजे थानेमें जानेपर उन्हें सवेरे साढे नौ बजे आनेके लिए कहा गया । साढेनौ बजे जानेपर संबंधित विभागका दरवाजा ही नहीं खुला था । संबंधित पुलिसकर्मीको दूरभाषसे संपर्क किया गया, तो उसने कहा कि आपको अनुमति देना असंभव है । तत्पश्चात सवेरे १०.३० बजे अनुमति दी गई, वह भी कष्टके साथ !
हिंदुओंद्वारा दोपहिया वाहन फेरीका उत्साहपूर्वक स्वागत !
फेरीका आरंभ धर्मध्वजकी पूजासे किया गया । इस अवसरपर स्थानीय भूतपूर्व विधायक सर्वश्री अप्पू पट्टणशेट्टी, उमेश कारजोल, गुरुगच्चीमठ, प्रकाश मिर्जि, उमेश वंदाल, रविकांत बगली, महेश देशपांडे एवं शिवरुद्र बागलकोट आदि उपस्थित थे । फेरीमें सम्मिलित धर्माभिमानियोंने भगवा ध्वज फहराकर फेरीका आरंभ किया । ‘हिंदू राष्ट्र’ स्थापित करनेकी घोषणाएं करते हुए नगरके प्रमुख मार्गोंसे अत्यंत अनुशासनबद्धतासे फेरी निकाली गई । अनेक स्थानपर इस फेरीका उत्साहपूर्वक स्वागत किया गया ।
इस फेरीमें सर्वश्री राजू मगिमठ, संतोष पाटिल, कांतू शिंदे, रोहन आपटे, विनोद मनोर, अजीत वठार, नीलकंठ कंदगल, महेश दोड्डमनी, प्रवीण हौवदे, संतोष विश्वकर्म, अविनाश बडिगेर, राजू चनगोंडा तथा हिंदू जनजागृति समितिके राज्य समन्वयक मोहन गौडा सम्मिलित हुए थे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात