यदि हिन्दुओंद्वारा देश में सर्वत्र भाग्यनगर समान संगठन खडा किया गया, तो धर्मांध कभी भी हिन्दुओंकी ओर बुरी दृष्टि से देखने का साहस नहीं करेंगे !
हिन्दुओंद्वारा हिन्दूद्रोही तेलंगाना शासन एवं ओवैसी बंधुओंको स्पष्ट उत्तर
भाग्यनगर (तेलंगना) : श्रीरामनवमी के निमित्त श्रीराम युवा सेना के अध्यक्ष विधायक श्री. राजासिंह ठाकुर के नेतृत्व में २८ मार्च को ‘श्रीराम का जयजयकार’ एवं ‘बनाएंगे मंदिर’ इन गीतोंके उत्स्फूर्त वातावरण में विशाल भव्य शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा न निकलने हेतु एम.आइ.एम. के सांसद असदुद्दीन ओवैसी, उन के बंधु विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी, तथा तेलंगाना शासनद्वारा तीव्र विरोध किए जाने पर भी शोभायात्रा में सहस्रोंकी संख्या में हिन्दू सम्मिलित हुए थे।
यहांके धूलपेठ के रानी अवंतीबाई लोधभवन से वर्ष २०१० से यह शोभायात्रा निकाली जा रही है। इस यात्रा में श्रीराम एवं हनुमान की १८ फूट ऊंची प्रतिमाएं रखी गई थीं तथा रामसेतु के साथ विविध झांकियां भी तैयार की गई थीं। यह शोभायात्रा नगर के विविध मार्ग से आगे जाने पर यहां के हनुमान व्यायामशाला के प्रांगण में उसका रूपांतर सार्वजनिक सभा में किया गया।
इस सभा को संबोधित करते हुए विधायक श्री. राजासिंह ठाकुर ने कहा कि ‘पाकिस्तानी मानसिकता के ‘एम.आइ.एम.’ के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी देशद्रोही हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर आलोचना करनेवाले अकबर को ध्यान रखना चाहिए कि यदि संघ न होता, तो आज कोई सुरक्षित नहीं रह सकता था। इस श्रीरामनवमी के कार्यक्रम में आने पर सांसद योगी आदित्यनाथ पर तेलंगाना के गृहमंत्री नायनी नरसिंहा रेड्डी ने प्रतिबंध लगाया था। इस संदर्भ में बोलते समय श्री। ठाकुर ने कहा कि एक योगी आदित्यनाथ को रोका गया, तो यहां की प्रत्येक गली में एक योगी सिद्ध होगा।
हिन्दू देवालय परिरक्षण समिति के संयोजक श्री श्री श्री कमलानंद भारती ने कहा कि केवल संगीत पर नाचना, मौज करना एवं खाने-पीने से कुछ भी नहीं होगा, बल्कि अंगद समान सामर्थ्यवान होना चाहिए। केवल १६ वर्ष की कालावधि में छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब को त्रस्त कर रखा था। केवल १८ वें वर्ष में इतिहास रचनेवाली झांसी की रानी के विषय में एक अंग्रेज ने लिखा है कि यदि ऐसी महिला ने हमारे देश में जन्म लिया होता, तो हमने ऐसा साम्राज्य स्थापित किया होता, जिस में सूर्य कभी अस्त नहीं होता।
वृंदावन की साध्वी समाहिता माताजी ने कहा कि सब तीरथ संतों के चरणों में ही हैं। जब हम संतोंकी शरण में जाएंगे, उस समय प्रत्येक दिन रामनवमी होगी।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात