आषाढ कृ. ९, कलियुग वर्ष ५११४
प्रमोद मुतालिक, अध्यक्ष, श्रीराम सेना.
राष्ट्र एवं धर्मकी रक्षा हेतु किए जानेवाले कृत्य’ इस सत्रमें प्रस्तुत विचार
रामनाथी – गोवामें श्री शांतादुर्गादेवीके मंदिरों समान जागृत मंदिर होते हुए भी यहां आनेवाले लोग केवल मौजमस्ती करनेके लिए ही आते हैं । उन्हें ‘पब’में जाना भाता है । हमारे अखिल भारतीय हिंदू अधिवेशनमें आनेके उपरांत गोवाके गली-मुहल्लोंके ‘पब’ संकटमें पड जाएंगे, ऐसा भय उनके हितैषियोंको सताने लगा है । राज्यकर्ता महसूल संकलनके लिए ‘पब’का समर्थन करते हैं । समय आनेपर वे श्रीराम सेना समान संगठनोंका विरोध करते हैं । ‘पब’के कारण नशीले पदार्थों एवं वेश्या व्यवसायमें वृद्धि होती है । इनके माध्यमसे व्यसनाधीनता एवं वासनांधता बढती है, जिसके परिणामस्वरूप हिंदुओंका जीवन उद्ध्वस्त हो रहा है; राष्ट्र एवं हिंदु संस्कृतिपर आघात करनेवाली ‘पब’ संस्कृतिका श्रीराम सेना विरोध करती ही रहेगी । इस देशको बचानेके लिए पश्चिमी संस्कृतिके ‘वैलेंटाईन डे’ एवं ‘रोज डे’ समान ‘डेथ’ संस्कृतिको तडीपार करें ।
श्री. मुतालिकजीद्वारा ‘वैलेंटाईन डे’के दुष्परिणामोंके विषयमें बताई गई भयावह आंतिक सर्वेक्षण १४ फरवरी २०११ को ‘वैलेंटाईन डे’के दिन मुंबई, दिल्ली, चेन्नई एवं कोलकाता, इन चार नगरोंमें सर्वेक्षण किया गया । इसके अनुसार एक ही दिनमें १८० हत्याएं, १२२ बलात्कार, ९२ आत्महत्याएं एवं २११ युवतियोंके अपहरणकी घटनाएं हुर्इं । इस दिन २ सहस्र १५ करोड रुपयोंकी मद्यविक्री एवं ६८ करोड रुपयोंके निरोधकी बिक्री हुई । |