भारतकी जनसंख्या में संतुलन बनाए रखने हेतु हिन्दुआें ने बच्चे पैदा करने की अपेक्षा देशमें ‘समान नागरी कायदा’ लागू किया तो अपनेआप ही मुसलमानोंकी जनसंख्या पर नियंत्रण आएगा !
नई दिल्ली – विश्व हिंदू परिषद के नेता ने विवादित बयान देते हुए कहा है कि अगर हिंदू अब भी ज्यादा बच्चे पैदा नहीं करेंगे तो मुसलमान देश पर कब्जा कर लेंगे। वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय महासचिव चंपत राय ने ‘पीयू रिचर्स सेंटर’ की स्टडी का हवाला देते हुए कहा कि हिंदुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए, उन्हें अब केवल एक बच्चे से संतुष्ट होने की अपनी मानसिकता छोड़नी चाहिए क्योंकि अगर ऐसा नहीं हुआ तो मुसलमान संख्या में ज्यादा हो जाएंगे और उनका देश पर कब्जा हो जाएगा। बता दें कि अमेरिकी की शोध संस्था पीयू रिसर्च सेंटर ने शुक्रवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि साल २०५० तक भारत में मुसलमानों की जनसंख्या दुनिया में सबसे ज्यादा हो जाएगी।
बच्चे पैदा करने के लिए भी सरकार दे सकती है प्रोत्साहन
चंपत ने कहा, ‘हिंदू ये तो चाहते हैं कि उनकी सैलेरी २५ से ५० हजार हो जाए, लेकिन ज्यादा बच्चे पैदा कर उन पर खर्च नहीं करना चाहते।’ जब चंपत राय से यह पूछा गया कि बच्चे पैदा करना तो पर्सनल मैटर है तो उन्होंने कहा कि यह केवल कपल्स का निजी अधिकार नहीं है क्योंकि दुनिया जब कभी जनसंख्या असंतुलन की बात सामने आती है तो सरकारें ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहन देती हैं।
राय ने पंजाब के पूर्व पुलिस चीफ जूलियो रिबेरो के एक अंग्रेजी अखबार में लिखे आर्टिकल पर कहा कि अगर रिबेरो असुरक्षा की बात कहते हैं तो यह ‘घर वापसी’ की सफलता है। राय ने साफ तौर पर कहा कि वीएचपी का ‘घर वापसी’ का कार्यक्रम जारी रहेगा, फिर चाहे मोदी सरकार इसे पसंद करे या न करे। उन्होंने कहा कि हमारा अस्तित्व घर वापसी से जुड़ा हुआ है और वीएचपी का जन्म ही इसलिए हुआ है। हम लोगों को यह याद दिलाना चाहते हैं कि उनके पूर्वज क्या थे। यह पूछे जाने पर पिछले एक साल में वीएचपी को अपने अभियान में कितनी सफलता मिली? राय ने कहा, ‘हमारी सफलता दो लोगों के बयानों से साफ हो जाती है। एक, जिसमें फारुख अबदुल्ला ने स्वीकार किया था कि वे सारस्वत ब्राह्मण हैं और दूसरा जिसमें जूलियो रिबेरो ने कहा था कि अगर उनका डीएनए टेस्ट कराया जाए तो वह हिंदुओं से मैच करेगा।’ राय ने वीएचपी नेता प्रवीण तोगड़िया के पश्चिम बंगाल में घुसने पर रोक लगाए जाने को लेकर ममता बनर्जी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि वीएचपी के कार्यक्रम पर रोक लगाकर ममता सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही है।
क्या है पीयू रिसर्च सेंटर?
‘पीयू रिसर्च सेंटर’ एक नॉन प्रॉफिटेबल अमेरिकी थिंक टैंक है। वॉशिंगटन स्थित यह रिसर्च सेंटर उन राजनैतिक, सामाजिक और भौगोलिक मुद्दों पर शोध तथा सर्वेक्षण करता है, जिनका अमेरिका या दुनिया से संबंध होता है और जो भविष्य में उपयोगी साबित हो सकते हैं। पीयू चैरिटेबल ट्रस्ट इस रिसर्च सेंटर को आर्थिक मदद देता है।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर