पौष कृष्ण ८ , कलियुग वर्ष ५११५
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जयपुर – राजस्थान में कांग्रेस की सरकार के सत्ता से बेदखल होते ही पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ना शुरू हो गई हैं। ऊर्जा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने साफ शब्दों में कहा कि वाड्रा की जमीन खरीद मामले की जांच की जाएगी। उन्होंने जिस तरीके से राजस्थान में जमीन खरीदी हैं, वह एक घोटाला है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हम पहले इसके बारे में अधिक जानकारी जुटाएंगे और फिर जांच कराएंगे। हालांकि इस मुद्दे पर संसदीय कार्यमंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सरकार ने अभी तक किसी भी तरह की कार्रवाई का निर्णय नहीं लिया है।
लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक इस प्रकरण को कैबिनेट के समक्ष रखने के बाद सदन में भी रखा जा सकता है। वहां से निर्णय होने के बाद ही सरकार सीओआई बैठाएगी।
गौरतलब है कि भाजपा के पांच सांसदों ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को चिट्ठी लिखकर मामले की जांच कराने की मांग की है। संभव है कि मामला कैबिनेट को भेजा जाए। सांसदों की मांग की है इस मामले में कमीशन ऑफ इंक्वायरी (सीओआई) गठित हो।
राज्यसभा में उपनेता रविशंकर प्रसाद, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव जेपी नड्ढा, सांसद भूपेंद्र यादव और अर्जुन मेघवाल ने चिट्ठी लिखी थी। रविवार को उन्होंने दिल्ली में प्रेस वार्ता कर राजस्थान सरकार से वाड्रा प्रकरण में जांच की मांग की थी।
सांसदों के आरोप और सवाल
रॉबर्ट वाड्रा ने राजस्थान में जो जमीनें खरीदी हैं, उसमें नियमों की धज्जियां उड़ाई गई हैं।
किसानों से जमीन खरीद की प्रक्रिया मे धांधली की गई है।
बीकानेर और उसके आसपास के जिलों में जितनी भी जमीनें वाड्रा और उनसे जुड़ी कंपनियों ने खरीदी हैं, उनके आय के स्त्रोत क्या है?
जमीन खरीदने के लिए फंड कहां से आया? इसकी निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर