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नैरोबी : केन्या की गैरीसा यूनिवर्सिटी में गुरुवार को हमला करके १४७ स्टूडेंट्स को मौत के घाट उतारने वाले अल-शबाब के आतंकियोंने स्टूडेंट्स का धर्म पूछ-पूछ कर उन्हें गोलियां मारी थीं। जिंदा बचे प्रत्यक्षदर्शियोंने बताया है कि हमलावरोंने मुस्लिम स्टूडेंट्स को जाने के लिए कहा, जबकि ईसाइयोंको गोली मारने का आदेश दिया। इतना ही नहीं, अगर कोई खुद को मुस्लिम बताता तो वह उससे कुरान की आयतें पढ़ने को कहते। जो नहीं पढ़ पाते, उन्हें फौरन गोली मार दी जाती। गौरतलब है कि हमले के दौरान ६०० स्टूडेंट्स भागने में भी कामयाब रहे। हमले का मास्टरमाइंड मोहम्मद कूनो बताया जा रहा है। वह एक मदरसा टीचर रह चुका है। सरकार ने उस पर पहले से ही १.३ करोड़ रुपए का इनाम घोषित कर रखा है।
हमले में जीवित बचे यूनिवर्सिटी स्टूडेंट अब्दुल रहमान ने वॉलस्ट्रीट जर्नल से बताया, “एक बंदूकधारी ने हमें जमीन पर लेट जाने के लिए कहा। उसने पूछा कि क्या तुम वह मुस्लिम हो? मैंने हां कहा। उसने कुरान की आयतें जोर-जोर से पढ़ने के लिए कहा। मैंने और मेरे दोस्त ने ऐसा ही किया। इसके बाद उन्होंने हमें जाने दिया।” रहमान के मुताबिक, कुछ ने खुद को शवोंके नीचे छिपा लिया था और वे आतंकियोंके जाने का इंतजार कर रहे थे।
‘दोस्तों को अपने सामने मरता देखा’
यूनिवर्सिटी में टीचर ट्रेनिंग कोर्स कर रहीं २१ वर्षीय मौरीन मानयेंगो भी हमले के वक्त घटनास्थल पर थीं। ईसाई मौरीन ने बताया, ”आतंकियोंने स्टूडेंट्स को पैर मोड़ कर घुटने के बल बैठ जाने को कहा था। आतंकी बनियान पहने हुए थे। वे लोग सोमालियाई लग रहे थे। आतंकियोंने ईसाई स्टूडेंट्स से कहा कि वे उनका ईस्टर हॉलिडे और भी ज्यादा खास बनाने आए हैं। मैंने कपड़े की अलमारी में छिपकर जान बचाई। मेरे सामने मेरे दोस्त एक-एक कर मारे जा रहे थे। हमलावर मेरे दोस्तोंसे कह रहे थे-डोंट वरी, वी विल किल यू, बट वी विल डाई टू (चिंता मत करो, हम तुम्हें मार देंगे, लेकिन हम भी मर जाएंगे)।”
‘ऐसा दृश्य पहले कभी नहीं देखा’
हमले के बाद मौके पर सबसे पहले पहुंचने वालीं एड वर्कर रियूबेन नायओरा ने बताया, “कई शव खून से लथपथ थे, लेकिन उनके शरीर पर कोई निशान नहीं थे। मैंने बहुत कुछ देखा है, लेकिन ऐसा कभी नहीं देखा। वहां शव लाइन में रख दिए गए थे। सभी शवोंके सिर फटे हुए थे।” वहीं, केन्याई सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि आतंकियोंने कुछ स्टूडेंट्स को अपने माता-पिता को फोन या मैसेज करने को कहा था। इसके बाद उन्होंने फोन पर केन्याई सेना को सोमालिया को छोड़ देने का संदेश दिया। ऐसा उन्होंने सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए किया।
केन्याई यूनिवर्सिटी पर हुए हमले से जुड़ी फोटोज…
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स्त्रोत : दैनिक भास्कर