पौष कृष्ण ९ , कलियुग वर्ष ५११५
उच्च न्यायालयके आदेशकी कार्यान्विती नहीं !
हज अनुदान हेतु करोडों रुपए व्यय करनेवाले कांग्रेस शासनका हिंदुद्वेष !
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थिरुवनंतपुरम् (केरल) – शबरीमला, यह केरल राज्यमें हिंदुओंका एक महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान है । श्रद्धालु वहां प्रतिवर्ष दर्शन करने आते हैं । विशेषरूपसे यात्रा हेतु आनेवाले श्रद्धालुओंको स्वामी अय्यप्पा मार्गपर स्थित येरुमलीसे पंपा ४ किलोमीटरकी घाटीका मार्ग पैदल ही जाना पडता है । इस मार्गपर केरल शासनके साथ ही त्रावणकोर देवस्थान मंडलने श्रद्धालुओंके लिए स्वच्छतागृह, प्राणवायुकी पूर्ति करनेवाले केंद्र, चिकित्सालय तथा विश्रामगृहोंकी पूर्ति होनी चाहिए, ऐसी मांग की थी तथा ६ फरवरी २०१३ को केरल उच्च न्यायालयके न्या. टी.बी. राधाकृष्णन् तथा न्या. रामकृष्ण पिल्लेद्वारा भी ऐसे आदेश दिए गए थे; किंतु अभीतक उसकी कार्यान्विति नहीं हुई है । (मुसलमान तथा ईसाईयोंके संदर्भमें कांग्रेस राजनेताए इस प्रकारकी असुविधा रखते ही नहीं; किंतु हिंदुओंकी यात्राके संदर्भमें न्यायालयके भी आदेशका अनादर किया जा रहा है ! हिंदुओ, ऐसे राजनेताओंको निरंतरके लिए सीमापार करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
श्रद्धालुओंको उपर्युक्त सुविधा उपलब्ध हो रही है अथवा नहीं, यह निश्चित करनेके लिए उच्च न्यायालयने श्री. के. बाबूको विशेष आयुक्तके रूपमें नियुक्त किया है । अय्यप्पा मार्गपर श्रद्धालुओंके लिए स्वच्छतागृह, पीनेका पानी, बिजली आदि सुविधाएं उपलब्ध नहीं की गर्इं; इसलिए इस संदर्भमें उन्होंने भी केरल शासनके साथ त्रावणकोर देवस्थान मंडलपर टिप्पणियां की हैं । साथ ही श्री. के. बाबूने बताया कि इस संदर्भमें राज्यके प्रमुख सचिवको सूचित किया गया है; किंतु सचिवद्वारा भी कोई प्रतिसाद प्राप्त नहीं हुआ है ।
श्री. के. बाबूने १९ नवम्बरको श्रद्धालुओंको होनेवाली असुविधाके संदर्भमें केरल उच्च न्यायालयको पत्रद्वारा सूचित किया है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात