अजब निर्णय देनेवाली भारतीय न्यायप्रणाली !
अहमदाबाद – गुजरात हाई कोर्ट ने मुस्लिम लड़कियों के १५ साल की उम्र में मर्जी से शादी करने को जायज ठहराते हुए अपहरण के आरोपी युवक के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमा खारिज कर दिया। वडोदरा की १६ साल की एक मुस्लिम लड़की ने अहमदाबाद के वटवा में रहने वाले अपने प्रेमी के साथ भागकर शादी कर ली थी। उसके पिता ने लड़के के खिलाफ नाबालिग लड़की को भगा ले जाने व अपहरण का मामला पुलिस में दर्ज कराया था।
गुजरात हाई कोर्ट ने इस मामले में दिए अपने फैसले में लड़के और लड़की की शादी को जायज ठहराते हुए कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मुताबिक मुस्लिम लड़की को १५ साल की उम्र में बालिग माना गया है। अपने प्रेमी निसार आलम इसरार खान के साथ भागकर शादी करते वक्त लड़की की उम्र १६ साल ४ माह थी।
युवती ने भी अदालत के समक्ष इजहारे इश्क करते हुए कहा कि उसने अपनी मर्जी से शादी की थी तथा अब उनका एक बच्चा भी है। अपनी निजी जिंदगी में वह अपने परिवार के साथ खुश है। लड़की के इकबालिया बयान तथा पर्सनल लॉ बोर्ड के मुताबिक हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति जेबी पार्डीवाला ने लड़के के खिलाफ दर्ज अपहरण का मुकदमा खारिज करते हुए उनकी शादी को भी जायज ठहराया।
स्त्रोत : नई दुनिया