सिर पर भगवा साफा। मंत्रोंच्चार के साथ गंगा आरती और शंख फूंकते पार्टी अध्यक्ष। अब तक यह दृश्य बीजेपी के किसी भी कार्यक्रम के लिए आम बात होती थी, लेकिन समय बदल गया है और बदलती राजनीति के साथ तौर-तरीकों में भी बदलाव दिखने लगा है। क्योंकि जिस दृश्य की चर्चा अभी की, वह बीजेपी नहीं बल्कि कांग्रेस के कार्यक्रम का है।
तो क्या यह मान लिया जाए कि बिहार में मंगलवार को कांग्रेस का जो नया चेहरा दिखा वह बदलाव की शुरुआत है। और कहीं न कहीं हिंदुत्व या यह कहें कि पार्टी सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर है? असल में बिहार कांग्रेस की यह पूरी कवायद नरेंद्र मोदी सरकार के भूमि बिल के खिलाफ मोर्चाबंदी से पहले की है। पटना में भूमि बिल के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस ने पदयात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत न सिर्फ गंगा पूजा से की, बल्कि गंगा पार करने के लिए नाव यात्रा शुरू की। यही नहीं, राज बब्बर ने तो भगवा रंग को कांग्रेस से जोड़ दिया।
गांव-गांव घूमकर विरोध
कांग्रेस पहले ही मोदी सरकार के भूमि बिल के खिलाफ गांव-गांव घूम रही है। लेकिन मोदी को चुनौती देने के लिए बीजेपी के तथाकथित संकेतों और प्रतीकों के इस्तेमाल का यह पहला मामला है। बिहार कांग्रेस ने पदयात्रा से पहले विधिवत गंगा की पूजा की। गले में तिरंगा साफे की जगह भगवा साफा ओढ़ा, सिर पर भगवा पगड़ी पहनी। गंगा आरती की और जमकर शंख बजाए। कांग्रेस की खास पदयात्रा को हरी झंडी दिखाने कांग्रेस नेता राज बब्बर और अजय कुमार आए। इन नेताओं ने भी भगवा को कांग्रेस का संस्कार बताया।
स्त्रोत : आज तक