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यदि धर्मपर आपत्ति आएगी, तो संतोंको क्रांतिका मार्ग अपनाना पडेगा ! – श्री श्री ष.ब्र. डॉ. महेश्वर शिवाचार्य स्वामी

पौष कृष्ण ९ , कलियुग वर्ष ५११५

हुबली (कर्नाटक) में हिंदू धर्मजागृति सभामें १ सहस्र ३०० हिंदु उपस्थित !


हुबली (कर्नाटक) : सागरके श्रीमद् केळदी संस्थानके राजगुरु हिरेमठ श्री श्री ष.ब्र. डॉ. महेश्वर शिवाचार्य स्वामीजीने यह चेतावनी दी कि ‘कश्मीरसे कन्याकुमारीतक सर्व हिंदु बंधु हैं । उन्हें भारतमाताकी रक्षा हेतु सिद्ध रहना चाहिए । जब धर्मपर ग्लानि आती है, तब धर्म एवं राष्ट्रकी रक्षाका समय आता है, उस समय हमें प्राणार्पण करनेके लिए भी सिद्ध होना चाहिए । यदि कोई संतोंका अनादर कर रहा है, गोहत्या कर रहा है अथवा धर्मपर आपत्ति उठा रहा है, तो संतोंको क्रांतिका मार्ग अपनाना पडेगा ।’ वे हिंदू जनजागृति समितिद्वारा आयोजित हिंदू जनजागृति सभामें ऐसा बता रहे थे । सभामें लगभग १ सहस्र ३०० हिंदु उपस्थित थे । कार्यक्रमका सूत्रसंचालन कु. प्रतिभा बेळगेरी तथा श्री. स्वयंप्रकाश बंकापुरने किया ।
२२ दिसंबरको नेहरू मैदानमें आयोजित हिंदु धर्मजागृति सभामें श्रीराम सेनाके संस्थापक श्री. प्रमोद मुतालिक, अधिवक्ता श्री. चेतन मणेरीकर, हिंदू जनजागृति समितिके राज्य समन्वयक श्री. मोहन गौडा तथा सनातन संस्थाकी कु. स्फूर्ति बेनकनवारी आदि वक्ताओंने मार्गदर्शन किया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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