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आज ‘हिंदुत्व मेरा जनमसिद्ध अधिकार है’, यह कहनेकी आवश्यकता ! – स्वामी श्री अच्युतानंद तीर्थजी

पौष कृष्ण ९ , कलियुग वर्ष ५११५

हरिद्वार स्थित स्वामी श्री अच्युतानंद तीर्थजी महाराजद्वारा हिंदू जनजागृति समितिके कार्यको शुभाशीर्वाद !


स्वामी श्री अच्युतानंद तीर्थजी महाराजके दर्शन करते हुए श्री. दिलीप मोरवाले (दाहिनी ओर )

पुणे (महाराष्ट्र) : गीता, गंगा, गायत्री तथा पुनर्जन्म पर विश्वास करनेवाला, वह हिंदु ! हिंदु धर्म व्यापक है तथा हिंदुओंको प्रांतवादकी मानसिकतासे बाहर आकर लोगोंमें हिंदुत्व एवं राष्ट्रवाद उत्पन्न करना चाहिए । पूर्वमें ‘स्वराज्य मेरा जनमसिद्ध अधिकार है’, ऐसा कहते थे, उसी प्रकार अब ‘हिंदुत्व मेरा जनमसिद्ध अधिकार है’, ऐसा कहनेका समय आ गया है, हरिद्वार स्थित भूमा निकेतनके अध्यक्ष तथा भूमा पीठाधीश्वर अनंत श्री विभूषित स्वामी श्री अच्युतानंद तीर्थजी महाराजने ऐसा प्रतिपादन किया ।

वे दौरेपर पुणे आए थे; उस समय हिंदू जनजागृति समितिके महाराष्ट्र राज्य समन्वयक श्री. सुनील घनवट तथा श्री. दिलीप मोरवालेने २६ दिसंबरको महाराजसे भेंट की ।

उस अवसरपर स्वामी श्री अच्युतानंद तीर्थजी महाराज बोल रहे थे ।

हिंदु धर्मपर पाश्चात्त्ययों द्वारा किए गए आघात तथा उनका सामना करने हेतु प्रायोगिक स्तरपर तैयार की जानेवाली उपाययोजनाओंका चिंतन करने हेतु स्वामीजी महाराष्ट्र तथा गोवा राज्योंके दौरेपर आए हैं । 

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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