१९९३ के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन की फांसी की सजा पर पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। याकूब मेमन ने अपनी मौत की सजा पर पुनर्विचार की मांग की थी। कोर्ट ने उसकी फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने से मना कर दिया।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने इस बम विस्फोट कांड में मौत की सजा पाने वाले एकमात्र अपराधी याकूब मेमन की फांसी पर रोक बढ़ा दी थी। मौत की सजा की समीक्षा की मांग के बारे में उसकी याचिका पर महाराष्ट्र के विशेष कार्यबल (STF) और CBI से जवाब-तलब किया था। अदालत ने याकूब मेमन की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने से इंकार कर दिया है।
मेमन ने अपनी याचिका में फांसी की सजा निरस्त करने की मांग करते हुए दलील दी थी कि वह करीब १९ साल से जेल में है जो उम्रकैद की सजा के बराबर है, ऐसे में उसे फांसी नहीं दी जा सकती, क्योंकि इससे सजा दोहरी हो जाएगी। एक अपराध के लिए दो सजा नहीं हो सकती।
मेमन ने दाऊद इब्राहिम और फरार अभियुक्त अपने भाई टाइगर मेमन के साथ मिलकर मुंबई बम धमाकों की साजिश रची थी। याकूब पिछले २० साल से जेल में है। १९९३ में मुंबई में हुए सिलसिलेवार धमाकों में २५७ लोगों की मौत हो गई थी, जबकि ७०० से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसी मामले में अवैध हथियार रखने के दोषी अभिनेता संजय दत्त ६ साल की सजा काट रहे हैं।
स्त्रोत : आज तक