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कर्नाटकके कांग्रेस शासनद्वारा नाताल निमित्त समाचारपत्रोंको दिए गए विज्ञापनके माध्यमसे ईसाईय

पौष कृष्ण १२, कलियुग वर्ष ५११५

हिंदुओ, आपकेद्वारा प्राप्त की गई कररूपकी राशि मुसलमान तथा ईसाईयोंपर व्यय करनेवाले कांग्रेसको चुनावमें पाठ पढाएं !

बेंगलुरू – कर्नाटक शासनके अल्पसंख्यक निर्देशनालयकी ओरसे नाताल निमित्त समाचारपत्रोंको दिए गए विज्ञापनमें कांग्रेस शासनद्वारा ईसाईयोंकी चापलूसी सामने आई है । इससे यह स्पष्ट है कि शासनका ध्यान केवल ईसाई समुदायके सशक्तिकरण, सबलीकरण तथा समृद्धिकी ओर है ।  

कर्नाटक शासनने राज्यके ईसाई समुदायको अल्पसंख्यकोंका स्तर दिया है । वर्ष २००१ की जनगणनानुसार राज्यमें ईसाईयोंकी संख्या १० लक्ष ९ सहस्र है । प्रवर्ग -३ बके अंतर्गत वर्गीकरण कर संविधान अनुच्छेद १५(४) के अनुसार शिक्षण तथा उद्योगमें उन्हें आरक्षण सुविधाएं दी गई हैं । साथ ही शैक्षणिक, आर्थिक तथा सामाजिक अभिवृद्धि हेतु राज्यशासनने अनेक योजनाओंका नियोजन किया है ।

कांग्रेस शासनद्वारा ईसाईयोंके लिए बनाई गई कुछ प्रमुख योजनाएं 

१. वर्ष २०१३-१४ में ईसाईयोंकी अभिवृद्धि योजना हेतु ५० करोड रुपएका अनुदान बढाकर १०० करोड किया गया है । 
२. चर्च पुनर्निर्माण तथा नूतनीकरणके लिए १० लक्ष रुपएका अनुदान तथा उसके लिए २५ करोड रुपए सम्मत 
३. ईसाई समुदाय भवनके निर्माणकार्य हेतु ५० लक्षसे १ करोड रुपए सहायता-अनुदान 
४. निरुद्योगी ईसाई युवक/युवतियोंको विभिन्न संगणक प्रशिक्षण कला अभिवृद्धि योजना अंतर्गत १० करोड रुपए सम्मत 
५. ईसाई विद्यार्थियोंके लिए उत्तेजन योजना अतंर्गत १० करोड रुपए 
६. आर्थिक दृष्टिसे पीछे होनेवाले अर्थात निर्धन ईसाई विधवा/लडकियां/संबध विच्छेदित (तलाकशुदा) महिलाओंको पुनर्विवाहके लिए ५० सहस्र रुपए सहायता-अनुदान देनेवाली बिदाई योजना कार्यान्वित 

७. प्रत्येक जनपदमें अल्पसंख्यक कल्याण सूचना केंद्रकी स्थापना 
८. केंद्रशासनके सहयोगसे विद्यार्थियोंको माध्यमिक पूर्व/माध्यमिक पश्चात वेतन सहायता योजना 
९. विदेशमें अभ्यासके लिए १० लक्ष रुपए 
१०. आइ.ए.एस./ के.ए.एस. प्रशिक्षण हेतु राशि 
११. सी श्रेणीकी विस्थापना तथा पुलिस विस्थापनाके लिए परीक्षापूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम 

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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