हिन्दुओंपर आक्रमणोंके विरुद्ध कर्नाटक में हिन्दू एकता की घोषणा !
हुबली (कर्नाटक) : हिन्दुओंपर होनेवाले विविध आक्रमणोंके विरुद्ध आवाज उठाने हेतु समस्त हिन्दुओंमे एकता की घोषणा की गई। इसके लिए निमित्त बना हिन्दू जनजागृति समिति एवं श्रीराम सेना के संयुक्त तत्वावधान में यहां के वासवी महाल में १२ से १४ अप्रैल की कालावधि में आयोजित द्वितीय राज्यस्तरीय हिन्दू अधिवेशन !
इस अवसर पर व्यासपीठ पर चित्रदुर्ग के मादर चेन्नया स्वामीजी, ज्येष्ठ अधिवक्ता श्री. दोरेराजू, अधिवक्ता अमृतेश एन.पी. तथा हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे इत्यादि मान्यवर उपस्थित थे। इस अधिवेशन में हिन्दू एकता के साथ ‘हिन्दू राष्ट्र’ की अपरिहार्यता भी स्पष्ट की गई।
मान्यवरोंके ओजस्वी भाषण
(सेक्युलरिजम) धर्मनिरपेक्षता के कारण हिन्दुओंको हिमायती नीति का सामना करना पडेगा ! – श्री. प्रमोद मुतालिक
श्री. मुतालिक ने आगे कहा कि धर्मनिरपेक्षता शब्द का कुछ भी अर्थ नहीं है। (सेक्युलरिजम)धर्मनिरपेक्षता के कारण हिन्दुओंको हिमायती नीति का सामना करना पडेगा। प्रा. भगवान के विरुद्ध वॉरंट होते हुए भी उन्हें बंदी न बना कर हुए उन के घर के समक्ष पुलिस नियुक्त की गई है। डॉ. चिदानंद मूर्ति ने प्रा. भगवान का शांतिपूर्वक निषेध किया। तब भी उन्हें घसीटते हुए ले जाकर ४ घंटे तक पुलिस थाने में बिठाया गया था। यह कौन सा न्याय है ? कश्मीर से मुसलमानोंने हिन्दुओंको बाहर निकाला। आज उन के पुनर्वसन का विरोध करनेवालोंको ऐसे शब्दोंमे फटकारना चाहिए कि एक तो आप भारत में रहें, अन्यथा पाकिस्तान चलते बनें ! यही परिस्थिति केवल कश्मीर में नहीं, अपितु पूरे देश में है। हिन्दुओंपर होनेवाले आघातोंके विरुद्ध सभी हिन्दुओंको संगठित होना आवश्यक है।
जातिव्यवस्था का त्याग कर संगठित हों ! – मादर चेन्नया स्वामीजी
इस अवसर पर मादर चेन्नया स्वामीजी ने कहा कि आज देश में जातिव्यवस्था के कारण हिन्दू धर्म में दरार पड गई है / अंतर उत्पन्न हो गया है। इस अधिवेशन के उपलक्ष्य में सभी को संगठित होना चाहिए। वर्तमान में धर्मपरिवर्तन के कारण देश में हिन्दू अल्पसंख्यक हो रहे हैं, यह धक्कादायी घटना है। राष्ट्र एवं समाज का कार्य करनेवालोंको कष्ट भुगतने ही पडे हैं।
राजनीतिज्ञोंपर निर्भर न रह हुए ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने के लिए सिद्ध हों ! – श्री रमेश शिंदे
इस अवसर पर श्री. रमेश शिंदे ने कहा कि यद्यपि आज देश में हिन्दुओंका शासन है, ऐसा कहा जा रहा है, परंतु हिन्दुओंपर होनेवाला अन्याय अबतक न्यून नहीं हुआ है। इसलिए ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने हेतु हिन्दुओंको राजनीतिज्ञोंपर निर्भर न रहकर स्वयं ही सिद्ध होना चाहिए। राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष से की गई मित्रता को भाजपा ने लोकतंत्र की विशेषता सिद्ध की। तब भी इसी भाजपा ने कश्मीर में आतंकवादियोंको सहायता करनेवाले पीडीपी पक्ष के साथ शासन स्थापित किया। यह कौन से लोकतंत्र की विशेषता है ? प्रभु श्रीराम को स्वीकार करनेवाला पक्ष रावण से मित्रता कर रहा है। क्या यही लोकतंत्र की विशेषता है ?
साध्वी प्रज्ञा सिंह को प्रतिभूति (जमानत) क्यों नहीं मिलती ? – अधिवक्ता एस. दोरेराजु
साध्वी प्रज्ञा सिंह ने हिन्दू धर्म के लिए बहुत लडाई लडी है। वैधानिक रूप से किसी भी महिला ने कोई अपराध किया, तो उसे बंदी बनाने की थोडी/छोटी कालावधि के पश्चात उसे प्रतिभूतिपर मुक्त करना चाहिए। तदुपरांत उसकी जांच करनी चाहिए। ऐसा होते हुए भी साध्वी प्रज्ञा सिंह के संदर्भ में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात