वैशाख कृष्णपक्ष ११, कलियुग वर्ष ५११७
यूरोपीय संघ की एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को एक फ्रांसिसी अखबार को बताया कि सीरिया में जिहादी समूहों के साथ मिलकर लड़ रहे यूरोपीय लोगों की संख्या छह हजार से भी ज्यादा हो सकती है। यूरोपीय संघ की न्याय आयुक्त वेरा जोरिवा ने ली फिगारो को दिए साक्षात्कार में बताया, हमारा आकलन है कि यूरोपीय स्तर पर, पांच से छह हजार लोग सीरिया गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस युद्ध में विदेशी लड़ाकों की संख्या का पता लगाने में होने वाली मुश्किल के कारण यह संख्या कहीं अधिक भी हो सकती है।
जनवरी में फ्रांस की राजधानी में हुए दो इस्लामी हमलों और उसके बाद डेनमार्क में एक सांस्कृतिक केंद्र पर घातक गोलीबारी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पेरिस और कोपेनहेगन में हुए हमलों के समय हमने फैसला किया कि हमें अपने आप को डर के अधीन नहीं करना है।
उन्होंने कहा कि जिहाद के लिए सीरिया जाने की कोशिश करने वालों या वहां युद्ध से लौटने वालों पर ध्यान केंद्रित करने का अर्थ बहुत देरी से हस्तक्षेप है। जोरिवा ने कहा कि यूरोपीय संघ का मानना है कि ऐसा करने के बजाए, महज धर्म से परे जाते हुए लोगों के जिहादी समूहों से जुड़ने के विविध कारणों को देखते हुए यूरोपीय नागरिकों के लगातार वहां जाने पर रोक लगाने के लिए रोकथाम के उपायों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए था।
आयुक्त ने कहा कि ब्रितानी शोध में पाया गया कि जिन लोगों ने अपने परिवार को पीछे छोड़कर सीरिया जाने का विकल्प चुना है, उनमें दरअसल रोमांच की चाह है और वे अपने जीवन में संभावनाओं की कमी, बोरियत और असंतुष्टि से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि सीरिया और इराक के एक बड़े क्षेत्र पर शासन करने वाले इस्लामिक स्टेट ने इसे पश्चिमी देशों से हजारों विदेशी लड़ाकों को आकर्षित किया है। इस शासन को उसने इस्लामिक खिलाफत का नाम दिया है। सीरिया में चार साल से जारी युद्ध में 2 लाख 15 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
स्त्रोत : लाईव्ह हिंदुस्तान