पौष अमावस्या, कलियुग वर्ष ५११५
मिरज स्थित एक पाठशालाकी दूसरी कक्षाके छात्रोंको गिरिजाघर ले जानेकी घटना
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मिरज (महाराष्ट्र) : यहांकी एक पाठशालामें दूसरी कक्षाके छात्रोंको २८ दिसंबरको एक पाठ्यक्रमके नामपर गिरिजाघर ले जानेकी घटना घटी थी । वहां जानेपर बच्चोंको मिठाईके रूपमें केक दिया गया, (येशूसे ) प्रार्थना करवाई गई, तथा ‘नया करार’, पुस्तक भेंट दी गयी । यह बात शिवसैनिकोंतक पहुंची । तत्पश्चात ३० दिसंबरको शिवसेनाके श्री. आनंद राजपूतके नेतृत्वमें विविध हिंदुसंगठनोंके कार्यकर्ताओंने पाठशाला जाकर वहांकी प्रधानाध्यापिका तथा संबंधित शिक्षकोंसे उत्तर मांगा । हिंदुत्ववादियोंकी आक्रामक भूमिकाके कारण प्रधानाध्यापिकाने चूक स्वीकार कर क्षमायाचना की । (हिंदु धर्मपर आघात करनेवाली घटनाओंका विरोध करनेवाले हिंदुत्ववादियोंका अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१. ‘प्रत्यक्ष अनुभव’ इस विषयके नामपर उस पाठशालाके बच्चोंको गिरिजाघर दिखाने हेतु ले जाया गया था । इस संदर्भमें पाठशालाकी अध्यापिकाको फटकारते हुए श्री. आनंद राजपूतने कहा कि यह घटना संतापजनक है । यह धर्मांतरका प्रथम चरण है । शिवसेना ऐसी घटना कभी भी नहीं सहेगी । बच्चोंको भेंटमें दी गई ‘नया करार’ पुस्तकें पाठशाला तुरंत वापिस ले अन्यथा भविष्यमें पुन: ऐसी घटना घटनेपर तीव्र प्रक्षोभका सामना करना पडेगा, ऐसी चेतावनी भी दी ।
२. इस विषयमें स्पष्टीकरण देते हुए पाठशालाकी एक अध्यापिकाने कहा, पाठ्यक्रममें ‘प्रत्यक्ष अनुभव’ यह विषय अंतर्भूत होनेके कारण हम बच्चोंको गिरिजाघर ले गए, बच्चे मंदिरोंके साथ अन्य धर्मोंके प्रार्थना स्थलोंमें भी जाते हैं; किंतु गिरिजाघर नहीं जाते । वहां जानेपर केक खानेको देनेकी घटना अचानक घटी । बच्चे संगणकके जालस्थलपर अनेक घटनाएं देखते हैं, आप कहांतक इनका प्रतिबंध करोगे ?
३. इसपर सारे ही हिंदुत्ववादियोंने उस अध्यापिकाको फटकारा । अत: प्रधानाध्यापकने क्षमायाचना की तथा ‘नया करार’ ये सारी पुस्तके वापिस लेंगे, ऐसा आश्वासन दिया । इस अवसरपर शिवसैनिक श्री. गजानन मोरे, श्री. गिरिश जाधव, श्री. तात्या कराडे, श्री. अरुण जाधव, श्री. संदीप कदम, भा.ज.पा.के श्री.विजय राठी, श्री.अभय पाटिल, श्री.जयगोंड कोरे, वि.हिं. प. के श्री.सुधीर अवसरे, तथा हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ता तथा भूतपूर्व नगरसेवक श्री. मकरंद देशपांडे उपस्थित थे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात