वैशाख कृष्णपक्ष ११ , कलियुग वर्ष ५११७
सनातन संस्थाद्वारा राजस्थान के झुंझुनू एकेडमी में प्रबोधन !
१ सहस्र छात्रों की उपस्थिति !
![jhunjhunu1](https://www.hindujagruti.org/hindi/wp-content/uploads/sites/2/2015/04/jhunjhunu1.jpg)
झुंझुनू (राजस्थान) : सनातन संस्था के श्री. गजानन केसकर ने यह प्रतिपादित किया कि ‘छात्रों को स्वयं के सामने उपस्थित आदर्श व्यक्तिओंका अभ्यास करना चाहिए। साथ ही यदि आपने अपने में अतंर्भूत एकाग्रता को वृद्धि करने का प्रयास किया, तो आप अपना विकास कर सकते हैं। असंख्य अनावश्यक विचारों में घूमनेवाला अपना मन यदि हम ने अभ्यास के साथ अपने विकास के लिए एकाग्र किया, तो हमें अपना विकास करना सहज संभव होगा; किंतु इस एकाग्रता की प्राप्ति के लिए हमें नियमित साधना करना आवश्यक है।’
श्री. केसकर ने आगे यह कहा कि ‘एकाग्रता प्राप्त करने के लिए हमें स्वयं में अंतर्भूत अवगुण न्यून करने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही निरंतर अभिभावक, अध्यापक तथा मित्रोंद्वारा सीख प्राप्त कर स्वयं में गुणोंका विकास करना चाहिए। अध्यापकोंको भी राष्ट्र की संपत्ति सिद्ध होनेवाले इन छात्रोंको शिक्षा के साथ संस्कार प्रदान करने के प्रयास करने चाहिए।’
जीवेम् एज्युकेशन प्रा. लि. के झुंझुनू एकेडमी में १ से १० वीं कक्षा के छात्रोंके साथ उन्होंने ये विचार व्यक्त किए थे। १३ अप्रैल को संपन्न हुए इस कार्यक्रम में १ सहस्र से अधिक छात्र उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का प्रारंभ प्रार्थना से, तो अंत राष्ट्रगीत से हुआ। उस समय जीवेम् एज्युकेशन प्राइवेट लिमिटेड के संचालक डॉ. दिलीप मोदी एवं एकेडमी के मुख्याध्यापक डॉ. रवि शर्मा के साथ सारे अध्यापक उपस्थित थे।
छात्रोंको सुसंस्कृत करने की लगनवाले जिज्ञासु वृत्ति के डॉ. दिलीप मोदी !
सनातन संस्था के श्री. गजानन केसकर तथा कु. पूनम चौधरी ने १२ अप्रैल को डॉ. दिलीप मोदी से भेंट कर उन्हें संस्था के कार्य का परिचय करवाया। डॉ. मोदी ने जिज्ञासु वृत्ति से संस्थाद्वारा छात्रोंपर सुसंस्कार करने के लिए जो कार्य आरंभ हैं, उसे पूरीतरह से ज्ञात किया। पाठशाला के छात्रोंको उसका लाभ उठाने के लिए प्रार्थना के समय पर प्रबोधन हेतु त्वरित समय उपलब्ध करवाया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात