वैशाख कृष्णपक्ष १३/१४, कलियुग वर्ष ५११७
हिन्दुओ, धर्माचरण करने के साथ-साथ धर्मरक्षा हेतु भी सिद्ध रहें ! – गजानन केसकर
चिडावा-झुंझुनू (राजस्थान) : कृष्ण वाचनालय में चिडावा गौरक्षा दलद्वारा आायोजित किए गए कार्यक्रम में हिन्दू जनजागृति समिति के राजस्थान समन्वयक श्री. गजानन केसकर ने वक्तव्य किया था। उस समय उन्होंने अपने वक्तव्य में यह आवाहन किया कि, देश के विभिन्न राज्यों में धर्मांधोंके हिन्दूविरोधी एवं देशविरोधी कार्रवाईयां बढ गई हैं। इस संदर्भ में यदि हम आज ही संगिंठत नहीं हुए, तो कल यह समस्या हमारे दहलीज तक आएगी। अतः धर्मशिक्षा प्राप्त कर धर्म का आचरण करने के साथ हिन्दुओंको धर्मरक्षा के लिए भी सिद्धता करना आवश्यक है।’
कार्यक्रम के आरंभ में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा को संघ के राष्ट्रीय स्वयंसेवक श्री. अनिलजी गुप्ता तथा सेवाभारती के श्री. महेंद्रजी सैनी के हाथों पुष्पमाला अर्पण की गई। कार्यक्रम का सूत्रसंचलन आचार्य नरेश जोशी द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम के लिए चिडावा गौरक्षा दल के श्री. रमेश स्वामी, झुंझूनु गौरक्षा दल के श्री. परवीन स्वामी, श्री. राजेंद्रजी टेलर, श्री. आशिष जांगीड इत्यादी मान्यवरोंके साथ ५० से अधिक धर्माभिमानी उपस्थित थे।
जागृति तथा संगठन के लिए लगन से प्रयास करनेवाले झुंझुनू एवं चिडावा का गौरक्षा दल !
समिति के सदस्य झुंझूनू में उपस्थित रहनेवाले हैं, इस बात की सूचना प्राप्त होते ही झुंझूनू गौरक्षा दल के श्री. परवीन स्वामी ने सभी को इकट्ठा कर एक कार्यक्रम को आयोजन किया। इस कार्यक्रम के लिए चिडावा गौरक्षा दल के कार्यकर्ताएं भी कुछ समय के लिए उपस्थित थे। तत्पश्चात् उन्होंने त्वरित चिडावा में समिति का कार्यक्रम आयोजित करने का निश्चित कर सिद्धता आरंभ की। चिडावा गौरक्षा दल के श्री. आशिष अग्रवाल तथा उनके सहकारियोंने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए विशेष प्रयास किए। उस समय उन्होंने भविष्य में भी अनेक स्थानोंपर समिति के कार्यक्रम का आयोजन कर जागृति करने का निश्चय भी व्यक्त किया।
क्षणिकाएं
१. कार्यस्थल पर प्रकाशित किए गए भगवे ध्वज के कारण वातावरण भगवामय हुआ था।
२. उस समय प्रोजेक्टर की सहायता से उपस्थितोंको धर्म पर आनेवाली आपत्ति के संदर्भ में जानकारी दी गई।
३. कार्यक्रम स्थल पर सनातन-निर्मित ग्रंथसंपदा, साथ ही धर्मशिक्षा तथा गोरक्षा के फ्लेक्स प्रदर्शनी आयोजित की गई थी।
४. उपस्थित लोगोंने अंत तक एकाग्रता पूर्वक कार्यक्रम श्रवण किया, साथ ही अनेक लोगोंने उनके क्षेत्र में इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने की सिद्धता प्रदर्शित की।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात