वैशाख पूर्णिमा, कलियुग वर्ष ५११७
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने खैबर पख्तुनख्वा प्रांत की सरकार को कराक जिले में स्थित एक हिंदू मंदिर का पुनर्निर्माण कराने का आदेश दिया है। अतिरिक्त अधिवक्ता जनरल वकार अहमद ने मुख्य न्यायाधीश नसीर उल मुलक की अगुआई वाली दो सदस्यीय पीठ को बताया था कि मामले को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह मामला कराक जिले के तेरी गांव स्थित परमहंस जी महाराज समाधि से जुड़ा हुआ है।
पाकिस्तान हिंदू परिषद के प्रमुख व पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएलएल-एन) के सदस्य डॉ रमेश कुमार वंकवानी ने देश में लगातार मंदिरों में तोड़फोड़ की बढ़ती घटानाएं और श्री परमहंस महाराज की समाधि पर कब्जे की घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट का ध्यान इस ओर खींचने संबंधी एक याचिका दाखिल की थी।
डॉ वंकवानी ने कहा कि श्री परमहंस जी महाराज समाधि स्थल पर मंदिर बनवाने के संबंध में उन्होंने प्रांत के मुख्य सचिव पुलिस महानिदेशक से भी मुलाकात की है। लेकिन उन्हें बताया गया कि अगर यहां मंदिर बन जाता है, तो भारतीय खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ के सदस्यों को यहां इकट्ठा होने का मौका मिलेगा।
प्राचीन दस्तावेजों के अनुसार, १९१९ में तेरी गांव में जिस स्थान पर श्री परमहंस जी ने देह त्यागी थी, उसी स्थान पर उनकी समाधि बनवा दी गई थी। १९९७ तक लगातार वहां श्रद्धालु जाकर महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करते थे। इसके बाद मुसलमान समुदाय के कुछ लोगों ने इस मंदिर को तोड़कर इस स्थान पर कब्जा कर लिया था।
दस्तावेजों के मुताबिक, सिंध प्रांत के कुछ हिंदू बुजुर्गों ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए संबंधित समुदाय को तीन लाख ७५ हजार रूपये भी दे दिए थे। लेकिन पैसो लेने के बाद भी मुफ्ती ने संपत्ति पर कब्जा बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट ने श्री वंकवानी की याचिका पर ध्यान देते हुए प्रांत की सरकार को कराक के इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराने के आदेश दिए।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर