पौष शुक्ल पक्ष १, कलियुग वर्ष ५११५
पणजी – गोवा के मडगांव धमाके में सनातन संस्था के सभी सदस्यों को विशेष अदालत द्वारा बरी किए जाने के बाद हिंदू संगठन ने राज्य की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला है। संस्था के मुताबिक राज्य की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने संगठन को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। अदालत का फैसला संगठन के खिलाफ नफरत पैदा करने वालों के मुंह पर करारा तमाचा है।
सनातन संस्था के प्रबंध न्यासी [मैनेजिंग ट्रस्टी] वीरेंद्र मराठे ने बुधवार को कहा, 'कांग्रेस सरकार ने संस्था के खिलाफ घृणा फैलाने वालों को खुली छूट दे रखी थी, ताकि मडगांव धमाके में इसके छह सदस्यों को फंसा कर संगठन को बदनाम किया जा सके।' उनके मुताबिक पुलिस जांच गलत दिशा में जाने के कारण संस्था के सदस्यों को चार वर्षो तक जेल की यातना झेलनी पड़ी। उन्होंने बताया कि धमाके में पुलिस ने सनातन संस्था की संलिप्तता नहीं पाई। कोर्ट ने भी संस्था के शामिल होने पर कोई टिप्पणी नहीं की और अदालती कार्यवाही के दौरान यह मुद्दा नहीं उठा। मराठे ने कहा, सनातन संस्था के सदस्यों की बेगुनाही संगठन के खिलाफ घृणा फैलाने वालों के मुंह पर करारा तमाचा है।
गौरतलब है कि मडगांव में १६ अक्टूबर, २००९ को दीपावली के दिन हुए धमाके में मालगोंडा पाटिल और योगेश नाईक की मौत हो गई थी। दोनों का संबंध सनातन संस्था से बताया गया था। मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी [एनआइए] की विशेष अदालत ने इस मामले में सनातन संस्था के सभी छह सदस्यों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।
स्त्रोत : दैनिक जागरण