वैशाख शुक्लपक्ष १, कलियुग वर्ष ५११७
इससे हमें पता चलता है की हिन्दू समाज को धर्मशिक्षा देने की कितनी अधिक आवश्यकता है । – संपादक, HJS
मुंबई – आईआईटी बॉम्बे के पासिंग बैच के आधे से कम छात्रों को किसी भगवान के अस्तित्व पर भरोसा है । पश्चिमी देशों के तकनीकी और विज्ञान संस्थानों के छात्रों के मुकाबले यह संख्या काफी ज्यादा है। इसके बावजूद भारत जैसे आस्थावान देश में यह संख्या भी कम महत्वपूर्ण नहीं है।
छात्रों के बीच हुए इस सर्वे में २२ फीसदी ने कहा कि वे नास्तिक हैं और ३० फीसदी छात्र संशयवादी निकले। यह सर्वे इंस्टिट्यूट की मीडिया बॉडी ने इन-हाउस मैगजीन में छापने के लिए किया था।
इस सर्वे में और भी कई रोचक चीजें सामने आईं। मसलन चार साल इंस्टिट्यूट में रहने के दौरान छात्रों में किस तरह का बदलाव देखने को मिला। इसमें छात्रों ने अपने करियर और जीवन की प्राथमिकताओं के बारे में भी बताया।
आईआईटी बॉम्बे के एक छात्र का कहना था कि इंजिनियरिंग, विज्ञान की शाखा है। वैज्ञानिक सोच पर भरोसा करने वाले छात्र आमतौर पर भगवान के अस्तित्व को नहीं मानते हैं। कई छात्र भगवान के होने पर संदेह करते हैं।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स