आषाढ कृ. १०, कलियुग वर्ष ५११४
रामनाथी – यहां आयोजित हिंदू अधिवेशनके चौथे दिन आंध्रप्रदेशके ‘श्रीराम समाचार चैनल’के संपादक और श्रीराम युवा सेनाके श्री. राजा सिंह ठाकुरने हिंदुओंका आवाहन करते हुए कहा, ‘आंधप्रदेशमें धर्मांध दंगे करते हैं । हिंदुओंपर आक्रमण करते हैं । उस समय उनके समर्थक चैनल धर्मांधो को भडकाते हैं । इस प्रकारके आक्रमणोंका प्रतिकार करनेके लिए हिंदुओंको अपना चैनल (प्रणाल) बनाएं, यह आवाहन किया । वे अखिल भारतीय हिंदू अधिवेशनके चौथे दिन बोल रहे थे ।
… इस प्रकार आरंभ हुआ श्रीराम प्रणाल (चैनल) !
श्री. ठाकुरने आगे कहा, ‘‘आंधप्रदेशमें हमने श्रीरामनवमीके दिन लाखों हिंदुओंका संगठन किया । तब, पुलिसने हमें श्री हनुमान जयंती मनानेकी अनुमति नहीं दी । उस समय धर्मांधोने इसका प्रचंड विरोध किया था । जिस हनुमान मंदिरमें यह उत्सव मनाया जानेवाला था, उसपर धर्मांधोंने आक्रमण कर उसे तोड दिया । उसके विरोधमें हिंदुओंने साधारण-सी प्रतिक्रिया दी । इस कारण वहांके ‘फोर टी.वी.’ नामक चैनलने झूठा प्रचार किया कि ‘हिंदुओंने मस्जिदें तोडीं, मस्जिदोंपर सूअरका मांस फेका’। परिणामस्वरूप सब धर्मांध मार्गपर उतर आए । उन्होंने समशेरगंज गोशालापर आक्रमण कर आठ गायोंको जीवित जला दिया । हिंदुओंके घरोंपर आक्रमण किया । धर्मांधोंके चैनलसे प्रसारित एक झूठे समाचारके कारण यह सब हुआ, तब ‘हिंदुओंको लगा कि हमारा भी चैनल होना चाहिए’ और हमने ‘श्रीराम चैनल’ नामसे समाचार प्रणाल आरंभ किया ।
धर्मांधोंके लिए संकट लगनेवाला श्रीराम चैनल !
हमारा चैनल धर्मांधोंके लिए बाधक लगता है । एक धर्मांध सांसदने अपने धर्मांधबहुल भागके केबलचालकोंको ‘श्रीराम वाहिनी’का प्रक्षेपण न दिखानेकी चेतावनी दी है । उन भागोंमें दर्शकसंख्या घट जानेपर भी हिंदूबहुल भागमें इस चैनलके दर्शकोंकी संख्या निरंतर बढ रही है । देशभरके हिंदू संगठनोंने अपने भागमें हिंदु धर्मीयोंपर हुए विविध प्रकारके आक्रमणोंकी दृश्य-श्रव्य चक्रिकाएं हमारे पास भेजीं, तो उससे अधिकाधिक जागृति करना संभव होगा ।