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हिंदुओंको परधर्मियोंकी अपेक्षा स्वधर्मियोंकी ओरसे ही अधिक भय ! – प.पू. श्री राम बालकदासजी महात्या

पौष शुक्ल पक्ष २/३, कलियुग वर्ष ५११५

दुर्ग (छत्तीसगढ) संत समागममें हिंदू धर्मजागृति सभा आयोजित की गई

दुर्ग (छत्तीसगढ) – प.पू. श्री राम बालकदासजी महात्यागी महाराजने हिंदू धर्मजागृति सभामें यह उद्गार व्यक्त किए कि ‘वर्तमानमें समाजमें विकृति उत्पन्न हुई है । हमें परधर्मियोंकी अपेक्षा स्वधर्मियोंकी ओरसे ही अधिक भय है । आजके हिंदु दर्गा एवं चर्चमें जाते हैं; किंतु क्या अन्य धर्मीय हिंदुओंके मंदिरोंमें जाते हैं ? शासन परिवर्तन होनेसे कुछ नहीं होगा । व्यवस्थामें ही परिवर्तन होना चाहिए ।’ प.पू. श्री राम बालकदासजी महात्यागी महाराजद्वारा २२ दिसंबर २०१३ से १ जनवरी २०१४ की कालावधिमें ५१ कुंडीय रामचरितमानस महायज्ञ आयोजित किया गया था । उस अवसरपर यहां हिंदू जनजागृति समितिद्वारा ३१ दिसंबर २०१३ को हिंदू धर्मजागृति सभा संपन्न हुई ।

हिंदू धर्मजागृति सभामें अन्य संतोंद्वारा प्रस्तुत किए गए उद्बोधक विचार…

हिंद अल्पसंख्यक हो रहे हैं ! – पू. रामविलास वेदान्तीजी महाराज

भारतके अनेक प्रांतोंमें हिंदू अल्पसंख्यक हो रहे हैं । शासनकी हम दो हमारे दो यह नीति केवल हिंदुओंपर ही क्यों लागू की जाती है ?

हिंदु कबतक सोते रहेंगे ? – प.पू. महामण्डलेश्वर स्वामी श्री निर्वाणदासजी महाराज

हिंदु कबतक सोते रहेंगे ? हमारे राजनेता ही धर्म परिवर्तनका कार्य करते हैं । मुसलमानोंको पता है कि हिंदु गायका दूध एवं घी खाकर बलवान होते हैं; किंतु मुसलमानोंने गायको ही भक्षण करनेका निश्चय कर लिया है ।

श्रीरामजीने समाजके सामने आदर्श स्थापित किया है, अतः वह सभीके लिए पूजनीय (वंदनीय) हैं ! – पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिंदू जनजागृति समिति

प्रभु श्रीरामजीका जीवनचरित्र आदर्श है । श्रीरामजीने समाजके सामने आदर्श स्थापित किया है, अतः वह पूजनीय हैं । लक्षावधि वर्षोंके पश्चात भी लोग उनका स्मरण करते हैं । श्रीरामजीके आदर्शस्वरूप आज भी समाजको रामराज्यका स्मरण है । जिस समय रामायणकी रचना हुई, उस समय सबकुछ सात्त्विक था; किंतु वर्तमानमें कलियुग होनेके कारण धर्मशिक्षा प्राप्त करना महत्त्वपूर्ण है ।

सभामें भिलाई नगर (छत्तीसगढ) के आचार्य प्रेमनारायणजी शर्माने मार्गदर्शनमें हिंदू जनजागृति समितिको शुभेच्छा प्रदान की, तो हिंदु एक्जिस्टेन्स संकेतस्थलके संपादक श्री. उपानंद ब्रह्मचारीने मार्गदर्शनमें बांग्लादेशके घुसपैठियोंकी समस्याके विषयमें बताया । प.पू. श्री राम बालकदासजी महात्यागी महाराजने यज्ञस्थलपर धर्मशिक्षाके ११५ फलक प्रकाशित करनेकी अनुमति दी !

प.पू. श्री राम बालकदासजी महात्यागी महाराजने हिंदू जनजागृति समितिकी धर्मशिक्षाके ११५ फलक मुद्रित कर वह यज्ञस्थलपर सारे परिसरमें प्रकाशित किए । वहां आनेवाले अनेक भक्तोंने इसका लाभ उठाया । प.पू. महाराजने बताया कि जिस स्थानपर मेरे कार्यक्रम तथा यज्ञ होंगे, उस स्थानपर इस प्रदर्शनीका आयोजन करूंगा ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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